पूरे देश में बड़े धूमधाम से आजादी का त्यौहार मनाया जाता है. 15 अगस्त को बड़े धूमधाम से हमारे देश में आजादी का त्यौहार मनाया जाने वाला है ऐसे में कई लोग अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए अपनी कार बाइक साइकिल आदि पर तिरंगा झंडा लगाते हैं. तिरंगा झंडा लगाने से पहले आपको कुछ नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए वरना आपको जेल हो सकती है.
15 अगस्त को झंडा लगाने से पहले जाने यह नियम

अगर आप झंडा लगाना चाहते हैं तो झंडा से जुड़े सभी नियम के बारे में पहले जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें.आपको हर हाल में झंडा से जुड़े नियम की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए क्योंकि कई बार झंडा से जोड़ी नियम की जानकारी प्राप्त नहीं होने पर हमें परेशानियां बढ़ सकती है और जेल भी हो सकती है.
2002 में लाया गया था झंडा संहिता

2002 में जो झंडा संहिता लाया गया था उसमें झंडा से जुड़े कुछ कानून भी बनाए गए. पहले रात को झंडा फहराने पर रोक था उसके बाद रात को झंडा फहराने के लिए एक नया कानून लाया गया और अब रात को भी झंडा फहराया जा सकता है.
साल 2002 में भारतीय झंडा संहिता लाया गया था. इसमें झंडा फहराने से जुड़े कानून, प्रथाओं, परंपराओं और निर्देशों का संकलन किया गया है. झंडा संहिता के अनुसार, वाहनों (मोटर कारों) पर झंडा लगाने का विशेष अधिकार केवल कुछ संवैधानिक गणमान्य व्यक्तियों तक सीमित है. आसान भाषा में, किसी आम आदमी का गाड़ी पर झंडा फहराना गैर कानूनी है. अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है.
झंडा का साइज होना चाहिए सही

संहिता के अनुसार, वाहनों पर केवल 225*150 मिलीमीटर आकार के झंडे का ही इस्तेमाल होगा. झंडा लगाने के विशेष अधिकार में ये संवैधानिक गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं – राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल, उप-राज्यपाल, प्रधानमंत्री, केबिनेट मंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, राज्य सभा अध्यक्ष, राज्यों अथवा संघ के मुख्यमंत्री, विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों, पोस्टों के अध्यक्ष विधानसभाओं के अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के न्यायाधीश.