ढैंचा बीज वितरण योजना 2025: किसानों को मिलेंगे फ्री बीज, 31 मई तक करें आवेदन

ढैंचा बीज वितरण योजना 2025: भारत कृषि प्रधान देश है और यहां की अधिकांश आबादी अपनी जीविका के लिए खेती पर निर्भर है। समय के साथ खेती के तरीकों में भी बदलाव आया है, जिससे न केवल उत्पादन बढ़ा है बल्कि लागत में भी कमी आई है। इसी क्रम में “ढैंचा की खेती” (Daincha Farming) किसानों के लिए एक जैविक समाधान बनकर उभरी है, जो मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाकर आने वाली फसल को बेहतर बनाती है। अब सरकार किसानों को ढैंचा के बीज निःशुल्क उपलब्ध करा रही है, ताकि वे इसका लाभ उठा सकें।


ढैंचा बीज वितरण योजना 2025: किसानों को मिलेंगे फ्री बीज, 31 मई तक करें आवेदन

किसान खेत में ढैंचा की खेती करते हुए - फ्री बीज योजना 2025 के अंतर्गत

ढैंचा क्या है

ढैंचा (Sesbania aculeata) एक प्रकार का हरा खाद (Green Manure) है, जिसे मुख्य रूप से खरीफ और रबी फसलों के बीच बोया जाता है। यह फसल मिट्टी में जैविक तत्वों को पुनः भर देती है और खासकर नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करती है।

  • यह लेग्युमिनस (Leguminous) फसल होती है जो नाइट्रोजन फिक्सिंग बैक्टीरिया के साथ मिलकर मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है।
  • इसे बोने के 45-50 दिन बाद जब यह लगभग 4 से 5 फीट तक बढ़ जाती है, तब खेत में ही पलट (प्लाउ) दिया जाता है।

ढैंचा की खेती के प्रमुख लाभ

  1. मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि:
    ढैंचा खेत की मिट्टी में जैविक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों को वापस लाकर उसे उपजाऊ बनाता है।
  2. रासायनिक खाद पर निर्भरता घटती है:
    इससे किसानों को रासायनिक खाद पर खर्च कम करना पड़ता है और प्राकृतिक तरीके से उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
  3. जल संरक्षण में सहायक:
    ढैंचा मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मदद करता है और सूखे क्षेत्रों में फसलों की स्थिरता को बढ़ाता है।
  4. कीट और बीमारियों से सुरक्षा:
    यह कई प्रकार के मिट्टी जनित कीटों और फंगस से भी सुरक्षा देता है।

फ्री बीज वितरण योजना:

राज्य सरकार ने ढैंचा की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को निःशुल्क ढैंचा बीज मिनिकिट देने की घोषणा की है। यह योजना कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही है।

कहाँ मिलेंगे बीज

गुड़ाचंद्रजी क्षेत्र के सहायक कृषि अधिकारी कैलाश चंद्रवाल के अनुसार, योग्य किसानों को चयन प्रक्रिया के आधार पर यह बीज 31 मई 2025 तक वितरित किए जाएंगे।


कौन किसान कर सकते हैं आवेदन

  • जिन किसानों की जमीन सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो।
  • जिनके पास आधार कार्ड और बैंक खाता हो।
  • जिनके पास जमीन का प्रमाण पत्र हो।

कैसे करें आवेदन

  1. नजदीकी ग्राम पंचायत या कृषि कार्यालय जाएं।
  2. ढैंचा बीज वितरण योजना के लिए निर्धारित फॉर्म भरें।
  3. जरूरी दस्तावेज़ों (आधार, जमीन का दस्तावेज़, बैंक पासबुक) की प्रतियां संलग्न करें।
  4. फार्म को जमा करके प्राप्ति रसीद लें।

खेती की विधि

  • बीज की मात्रा: प्रति हेक्टेयर लगभग 20-25 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है।
  • बुआई का समय: मई से जून तक ढैंचा की बुआई की जा सकती है।
  • सिंचाई: जरूरत अनुसार हल्की सिंचाई करें, लेकिन बारिश के मौसम में बुआई करना ज्यादा फायदेमंद है।
  • पलटने का समय: 45-50 दिन बाद ट्रैक्टर या हल से खेत में पलट दें।

भविष्य की तैयारी और सरकार का उद्देश्य

सरकार का उद्देश्य सिर्फ किसानों को तत्काल लाभ देना नहीं है, बल्कि उन्हें दीर्घकालिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के जरिए किसान:

  • रासायनिक खादों पर खर्च घटा सकेंगे।
  • जैविक खेती की ओर प्रेरित होंगे।
  • भूमि की उर्वरता को लंबे समय तक बनाए रख सकेंगे।

ढैंचा की खेती न केवल मिट्टी की सेहत सुधारती है बल्कि भविष्य की फसल को भी मजबूत बनाती है। यदि आप एक किसान हैं और अपनी भूमि को उर्वर बनाना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं। 31 मई 2025 तक आवेदन करें और निःशुल्क बीज प्राप्त करें।