ISI के संपर्क में थी महिला यूट्यूबर: भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक महिला यूट्यूबर jyoti malhotra youtuber को गिरफ्तार किया है, जिस पर देश की संवेदनशील जानकारी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (Inter-Services Intelligence) को भेजने का गंभीर आरोप है। यह घटना न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से चौंकाने वाली है, बल्कि सोशल मीडिया की आड़ में हो रही जासूसी की नई चुनौती को भी उजागर करती है।
ISI के संपर्क में थी महिला यूट्यूबर: भारत की खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजने के आरोप में गिरफ्तार

कौन है यह महिला यूट्यूबर
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार की गई महिला का नाम jyoti malhotra youtuber और वह पिछले कुछ समय से यूट्यूब पर एक सक्रिय कंटेंट क्रिएटर के रूप में काम कर रही थी। उसकी प्रोफाइल एक आम यूट्यूबर की तरह दिखती थी सामान्य वीडियोज़, यात्रा से जुड़ी जानकारियाँ, और सामाजिक विषयों पर राय। लेकिन इस सतह के पीछे एक बहुत ही गंभीर साजिश चल रही थी।
ISI के संपर्क में थी महिला यूट्यूबर:कैसे हुआ पर्दाफाश
भारतीय खुफिया एजेंसियों को सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों के बारे में इनपुट मिला था। जांच में पाया गया कि महिला यूट्यूबर सोशल मीडिया ऐप्स और एनक्रिप्टेड चैट प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए पाकिस्तान में बैठे ISI एजेंटों के संपर्क में थी। वह:
- भारतीय सैन्य ठिकानों की गतिविधियों की जानकारी जुटा रही थी
- सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित सूचनाएं भेज रही थी
- कुछ मामलों में वीडियो फुटेज और लोकेशन डिटेल्स भी साझा कर रही थी
सोशल मीडिया बना जासूसी का माध्यम
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि कैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल अब सिर्फ मनोरंजन या अभिव्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि देश विरोधी गतिविधियों के लिए भी किया जा रहा है। ISI जैसे संगठनों ने ऑनलाइन माध्यमों को अपने जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बना लिया है, और मासूम दिखने वाले क्रिएटर्स को निशाना बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं।

ISI के संपर्क में थी महिला यूट्यूबर:कानूनी कार्रवाई और धाराएं
पुलिस ने महिला के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है:
- भारतीय दंड संहिता की धारा 121A (देशद्रोह की साजिश)
- धारा 123 (देशद्रोह से संबंधित जानकारी छिपाना)
- आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act, 1923) के अंतर्गत कार्रवाई
उसे अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जाँच एजेंसियाँ अब उसके संपर्कों, चैट हिस्ट्री, बैंकिंग गतिविधियों और यूट्यूब कमाई की भी जांच कर रही हैं।
ISI की रणनीति और भारत की तैयारी
यह कोई पहला मामला नहीं है जब ISI ने भारत में “हनी ट्रैप” या डिजिटल ट्रैप के जरिए लोगों को जाल में फंसाया हो। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें:
- भारतीय सेना के जवानों को फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स से फंसाया गया
- नकली नाम और प्रोफाइल के ज़रिए जानकारी ली गई
- आर्थिक या भावनात्मक दबाव डालकर देश के खिलाफ काम करवाया गया
भारतीय सुरक्षा एजेंसियाँ अब AI-सक्षम निगरानी सिस्टम, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और साइबर सिक्योरिटी पर विशेष ज़ोर दे रही हैं ताकि ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके।
आम नागरिकों को चेतावनी और जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना से हम सभी को सीखने की ज़रूरत है। आम नागरिकों और खासकर सोशल मीडिया पर सक्रिय युवाओं को यह समझना होगा कि:
- हर ऑनलाइन संदेश या रिक्वेस्ट सही नीयत से नहीं आता
- कभी भी सैन्य क्षेत्रों, सरकारी दफ्तरों या सीमावर्ती इलाकों की फोटो या जानकारी साझा न करें
- कोई भी संदेहास्पद व्यवहार दिखे तो संबंधित एजेंसी या पुलिस को तुरंत सूचित करें
देशभक्ति सिर्फ शब्दों से नहीं, सतर्कता से साबित होती है
jyoti malhotra youtuber इस केस ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा सिर्फ सीमाओं पर तैनात जवानों की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भी उतनी ही अहम भूमिका है। डिजिटल युग में जब सीमाएं स्क्रीन पर सिकुड़ गई हैं, तो हमारा सावधान रहना और भी ज़रूरी हो गया है।
सरकार और एजेंसियाँ अपना काम कर रही हैं, लेकिन हमें भी अपने सोशल मीडिया व्यवहार और जानकारी साझा करने की आदतों पर नियंत्रण रखना होगा। एक क्लिक भी राष्ट्र की सुरक्षा में सेंध लगा सकता है।