Matar ki Kheti: इन 5 किस्मों से मटर की अगेती खेती,50 दिनों में होगा 120 क्विंटल तक उत्पादन
Matar ki Kheti: इन 5 किस्मों से मटर की अगेती खेती,50 दिनों में होगा 120 क्विंटल तक उत्पादन,कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि पंत मटर-155 हाइब्रिड मटर की एक अगेती किस्म है. इस किस्म को पंत मटर-13 और डीडी आर- 27 के संकरण से विकसित किया गया है. इसकी बुवाई के 30 से 35 दिनों के अंदर ही इसमें फूल आने लगते हैं, जबकि इसकी हरी फलियों के रूप में पहली तुड़ाई 50 से 55 दिनों में कर सकते हैं. इस किस्म की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होती है, जिसके कारण इसमें फफूंद और फली छेदक रोग का प्रकोप कम देखने को मिलता है
Matar ki Kheti: इन 5 किस्मों से मटर की अगेती खेती,50 दिनों में होगा 120 क्विंटल तक उत्पादन
मटर की ये एक विदेशी किस्म है. इस किस्म का पौधा बौना होता है. रोपाई के लगभग 50 से 60 दिन बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म के पौधों की प्रत्येक फलियों में औसतन 5 से 6 दाने पाए जाते हैं. इस किस्म पौधों से एक हेक्टेयर औसत उत्पादन 10 टन के आसपास पाया जाता है. किसान सितंबर में इस किस्म को लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं
यह मटर की यूरोपियन किस्म है. इसके दाने मीठे होते हैं. यह मटर की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है. इसकी फलियों बुवाई के करीब 60 से 65 दिन बाद तोड़ने के लिए तैयार हो जाती हैं. इसकी फलियां 8 से 10 सेमी लंबी तलवार के आकार की होती हैं और इसमें 5 से 6 दाने होते हैं
बुवाई के लगभग 60 से 65 दिनों में इसकी फलियां तुड़ाई तैयार हो जाती हैं. इसकी एक फली में 7 से 9 दाने बनते हैं. इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि पौधे में लगी सभी फलियां एक साथ तैयार हो जाती हैं. जिससे बार-बार तुड़ाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इससे प्रति हेक्टेयर 110 से 120 क्विंटल मटर का उत्पादन किया जा सकता है
विकसित की गई एक अगेती किस्म है. यह किस्म उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में बुवाई के लिए उपयुक्त है. ये किस्म बुवाई के 50 से 55 दिनों बाद फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इसकी प्रत्येक फली से 6 से 7 दाने निकलते हैं. वहीं इससे प्रति एकड़ 20 से 21 क्विंटल हरी फलियों का उत्पादन होता है
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