बुखार उतारने वाली ये गोली, गला रही आपकी लिवर-किडनी: अमेरिकी डॉक्टर की चेतावनी

बुखार उतारने वाली ये गोली, गला रही आपकी लिवर-किडनी: अमेरिकी डॉक्टर की चेतावनी भारत में जब भी बुखार आता है, लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए सीधे मेडिकल स्टोर जाकर ‘पेरासिटामोल’ या अन्य बुखार की गोली ले लेते हैं। यह एक आम चलन बन चुका है, जैसे सुबह की चाय। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह आदत आपके शरीर के दो सबसे जरूरी अंगों – लिवर और किडनी – को धीरे-धीरे नष्ट कर सकती है? हाल ही में अमेरिका के एक जाने-माने डॉक्टर ने इस विषय पर गंभीर चेतावनी दी है।


बुखार उतारने वाली ये गोली, गला रही आपकी लिवर-किडनी: अमेरिकी डॉक्टर की चेतावनी

डॉक्टर का खुलासा: ‘पेरासिटामोल को मिठाई की तरह खा रहे भारतीय’

अमेरिका के प्रतिष्ठित मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. जॉन डेविस ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में पेरासिटामोल और इसी तरह की दवाओं का अत्यधिक सेवन हो रहा है। उन्होंने कहा, “भारतीय पेरासिटामोल को ऐसे ले रहे हैं जैसे ये कोई मिठाई हो – बिना सोचे, बिना जांचे।” उनके अनुसार, यह आदत आगे चलकर गंभीर लिवर फेलियर, किडनी डैमेज और यहां तक कि मृत्यु तक का कारण बन सकती है।


पेरासिटामोल क्या है और कैसे करता है काम

पेरासिटामोल (Paracetamol), जिसे एसिटामिनोफेन भी कहा जाता है, एक पेन रिलीवर और फीवर रिड्यूसर है। यह शरीर के थर्मोरेगुलेटरी सेंटर पर काम करता है और दर्द तथा बुखार को नियंत्रित करता है। लेकिन इसकी ओवरडोज या लम्बे समय तक उपयोग से लिवर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।


लिवर और किडनी पर पड़ने वाले प्रभाव:

  1. लिवर डैमेज: पेरासिटामोल की अधिक मात्रा लेने से लिवर में ‘हेपेटोटॉक्सिसिटी’ हो सकती है, जिससे लिवर फेलियर का खतरा होता है।
  2. किडनी पर असर: बार-बार पेनकिलर का सेवन किडनी की फ़िल्ट्रेशन क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे ‘क्रॉनिक किडनी डिजीज’ हो सकती है।
  3. ब्लड प्रेशर और हार्ट रिस्क: लंबे समय तक इन दवाओं का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों को न्योता दे सकता है।

WHO और ICMR की रिपोर्ट क्या कहती है

WHO और ICMR दोनों संस्थानों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत में OTC (Over The Counter) दवाओं का अत्यधिक सेवन हो रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, लोग डॉक्टर की सलाह के बिना ही ये दवाएं ले रहे हैं।

  • 2023 में ICMR की रिपोर्ट के अनुसार, हर 10 में से 6 व्यक्ति बुखार की गोली खुद से खरीदते हैं।
  • WHO की रिपोर्ट में बताया गया है कि एशिया में लिवर फेलियर के 45% मामले पेरासिटामोल ओवरडोज से संबंधित हैं।

भारत में लोगों की सोच: “गोलियां हैं ना, कुछ नहीं होगा”

हमारे समाज में यह धारणा बहुत मजबूत है कि पेरासिटामोल जैसी दवाएं “सुरक्षित” हैं और इन्हें जब मन करे तब लिया जा सकता है। जबकि सच्चाई यह है कि यह एक मेडिकल मिथ है। हर दवा का एक साइड इफेक्ट होता है, और जब इन्हें अनुचित तरीके से लिया जाए, तो यह लाभ से ज़्यादा नुकसान करती हैं।


बुखार या दर्द होने पर क्या करें?

  • डॉक्टर से सलाह लें।
  • सिर्फ जरूरी होने पर ही दवा लें।
  • पेरासिटामोल की अधिकतम डोज 4000mg/दिन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • घरेलू उपायों जैसे गुनगुना पानी, आराम और हाइड्रेशन पर जोर दें।

क्या OTC दवाओं पर लगनी चाहिए रोक?

कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में पेरासिटामोल और अन्य पेनकिलर्स को ओवर-द-काउंटर नहीं बेचा जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को कड़े नियम लाने की जरूरत है, जिससे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के दवा खरीदना असंभव हो।


स्वास्थ्य के साथ न करें खिलवाड़

बुखार या दर्द होने पर खुद से दवा लेना एक खतरनाक चलन है। खासकर जब हम बात करते हैं पेरासिटामोल जैसी दवाओं की, जो धीरे-धीरे आपके शरीर के अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का सेवन बंद करें और अपनी सेहत को पहली प्राथमिकता दें।