कर्ज की जाल में बुरी तरह फंस चुका पाकिस्तान हांफ रहा है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि मौजूदा आर्थिक संकट से किस तरह से बाहर निकला जाए। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ विदेशों से कर्जा मांग रहे हैं लेकिन कोई भी उनकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया है। पैसे के अभाव में पाकिस्तान के हालात बेकाबू होने लगे हैं। खर्चे में कटौती करने के लिए शहबाज सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत कटौती करने के फॉर्मूले पर आगे बढ़ रही है।
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जानकारों का कहना है कि हालात नहीं सुधरे तो पाकिस्तान में गृह युद्ध शुरू हो सकता है और वह टूट सकता है। उसकी हालत श्रीलंका जैसी हो सकती है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान का ‘पाप’ ही उसे तबाही की कगार पर लाकर खड़ा दिया है।
देश के बड़े हिस्से में 12 घंटे तक नहीं मिली बिजली

आग लगी बस्ती में पाकिस्तान है अपनी ही मस्ती में,संकट की घड़ी में चीन ने मुंह फेरा
पाकिस्तान में ग्रिड फेल होने के कारण भारी बिजली कटौती की सूचना मिली और इस्लामाबाद, लाहौर और कराची सहित कई शहरों में घंटों तक बिजली नहीं रही। नेशनल ग्रिड की सिस्टम फ्रीक्वेंसी सुबह 7:34 बजे नीचे चली गई, जिससे बिजली व्यवस्था में व्यापक खराबी आ गई। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में, पाकिस्तान ने एक बड़े बिजली संकट का अनुभव किया था, जिससे प्रांतीय राजधानियों कराची और लाहौर सहित देश के बड़े हिस्से बिजली से 12 घंटे से अधिक समय तक वंचित रहे थे।

आम लोगों को गेहूं, आटा जैसी जरूरत की चीजें नहीं मिल पा रही:पाकिस्तानी हुक्मरानों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन
हालत यह है कि आम लोगों को गेहूं, आटा जैसी जरूरत की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। खाने-पीने की चीजें आसमान छू रही है। अर्थव्यवस्था के दिवालिया होने की आशंका देख लोग पेट्रोल और डीजल की जमाखोरी करने लगे हैं। महंगाई की सबसे ज्यादा मार आम लोगों पर पड़ रही है।
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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी हालात काफी खराब हैं। खाद्य वस्तुएं नहीं मिलने पर यहां लोग सड़क पर आ गए हैं और पाकिस्तानी हुक्मरानों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार की गलत नीतियों ने उन्हें इस हालात पर पहुंचा दिया है। खास बात यह है कि पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने भी उसका साथ छोड़ दिया है।