Agriculture news 2024 : धान की खेती के कुछ महत्वपूर्ण बातें, जरुरी है जान ना ! कृषि वैज्ञानिकों ने धान की खेती करने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस समय धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट हॉपर का आक्रमण हो सकता है, इसलिए किसान खेत के अंदर जाकर पौधे के निचले भाग के स्थान पर मच्छरनुमा कीट का निरीक्षण करें।
Agriculture news 2024 : धान की खेती के कुछ महत्वपूर्ण बातें, जरुरी है जान ना !
Agriculture news 2024 धान की खेती को लेकर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने एक अहम एडवाइजरी जारी की है। कृषि वैज्ञानिकों ने धान की खेती करने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस समय धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट हॉपर का आक्रमण हो सकता है, इसलिए किसान खेत के अंदर जाकर पौधे के निचले भाग के स्थान पर मच्छरनुमा कीट का निरीक्षण करें।
Agriculture news 2024 एडवाइजरी में कहा गया है कि इस वक्त धन की फसल वानस्पतिक वृद्धि की स्थिति में है, इसलिए फसलों में कीटों की निगरानी जरूरी है। किसान तना छेदक कीट की निगरानी के लिए फिरोमोन ट्रैप लगाएं। एक एकड़ में 3 से 4 ट्रैप काफी हैं। वहीं, अगर धान की खेती में अगर पत्त्ता मरोंड़ या तना छेदक कीट का प्रकोप अधिक हो तो करटाप दवाई 4 फीसदी दाने 10 किलोग्राम प्रति एकड़ का बुरकाव करें।
Agriculture news 2024 सितंबर से अक्तूबर तक रहता है असर
Agriculture news 2024 कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, ब्राउन प्लांट हॉपर कीट का असर सितंबर से लेकर अक्तूबर तक रहता है। इसका जीवन चक्र 20 से 25 दिन का होता है। इसके शिशु और कीट दोनों ही पौधों के तने और पत्तियों से रस चूसते हैं। अधिक रस निकलने की वजह से धान की पत्तियों के ऊपरी सतह पर काले रंग की फफूंदी उग जाती है। इससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया ठप हो जाती है। ऐसा होने से पौधे भोजन कम बनाते हैं और उनका विकास रुक जाता है। यह कीट हल्के भूरे रंग के होते हैं। इस कीट से प्रभावित फसल को हॉपर बर्न कहते हैं।
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Agriculture news 2024 वैज्ञानिकों ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि संस्थान ने यह भी सलाह दी है कि किसान स्वीट कॉर्न तथा बेबी कॉर्न की बुवाई मेड़ों पर करें। गाजर की बुवाई मेड़ों पर करें। बीज दर 4-6 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बुवाई करें। बुवाई से पहले बीज को केप्टान 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें। खेत तैयार करते समय खेत में देसी खाद और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें।
Agriculture news 2024 इस तरीके से करें फसल का बचाव
Agriculture news 2024 एडवाइजरी में किसानों से कहा गया है कि वे कीड़ों और बीमारियों की निरंतर निगरानी करते रहें। कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क रखें व सही जानकारी लेने के बाद ही दवाईयों का प्रयोग करें। फल मक्खी से प्रभावित फलों को तोड़कर गहरे गड्ढे में दबा दें। फल मक्खी से फसलों को बचाने के लिए खेत में विभिन्न जगहों पर गुड़ या चीनी के साथ (कीटनाशी) का घोल बनाकर छोटे कप या किसी और बरतन में रख दें।
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ताकि फल मक्खी का नियंत्रण हो सके। मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में दबा दें। इसके बाद यदि प्रकोप अधिक हो तो इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।