Friday, September 22, 2023
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भारत की रसोई में दिखेगा नेपाली टमाटर,कीमत कंट्रोल करने के लिए सरकार आयात कर रही टमाटर

भारत की रसोई में दिखेगा नेपाली टमाटर: भारत में टमाटर की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल ने लोगों को परेशान कर रखा है. टमाटर की ऊंची कीमतों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारत नेपाल से टमाटर का आयात करेगा. कहा जा रहा है कि नेपाली टमाटर थोड़ा सस्ता हो सकता है. इस सप्ताह आपके घरों में नेपाली टमाटर पहुंच सकता है.

भारत की रसोई में दिखेगा नेपाली टमाटर,कीमत कंट्रोल करने के लिए सरकार आयात कर रही टमाटर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अपने भाषण के दौरान बताया कि आयात की पहली खेप शुक्रवार तक उत्तर भारत के वाराणसी, लखनऊ और कानपुर शहरों में पहुंचने की संभावना है. बाद में अन्य शहरों में भी टमाटर की खेप भेजी जाने की संभावना है. बता दें कि सरकार सहकारी समितियों के जरिए लोगों को सब्सिडी पर टमाटर दे रही है.

पिछले तीन महीनों में थोक बाजार में टमाटर की कीमतें 1,400 प्रतिशत से अधिक बढ़कर रिकॉर्ड 140 रुपये से लेकर 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंची हैं. किसानों ने खराब बारिश, उच्च तापमान और फसल पर वायरस के प्रकोप सहित कई अन्य कारणों को टमाटर उपज में गिरावट और आपूर्ति में देरी का हवाला दिया है.

आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की बैठक के प्रमुख फैसलों की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 10 अगस्त को यह भी कहा कि टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी और अनाज, दालों में बढ़ोतरी ने मुद्रास्फीति में योगदान दिया है. उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही सब्जियों की कीमतों में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल सकता है.

जून और जुलाई में टमाटर की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ गई. ग्रॉस कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में 6 प्रतिशत भार रखने वाली सब्जियों की कीमतें सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. कीमतें आम तौर पर अगस्त से कम हो जाती हैं, जब फसल बाजार में आती है, लेकिन इस साल व्यापारियों को उम्मीद है कि अक्टूबर तक लागत ऊंची रहेगी क्योंकि आपूर्ति में गिरावट रहने वाली है.

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प्याज, बीन्स, गाजर, अदरक, मिर्च और टमाटर जैसे महंगे खाद्य पदार्थ न केवल अगले कुछ महीनों में राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं में असंतोष पैदा कर सकते हैं. ऊंची कीमतों के चलते रिटेल मुद्रास्फीति को बढ़ावा मिलने का अनुमान है. देश के तीसरे सबसे बड़े टमाटर उत्पादक कर्नाटक के किसानों का कहना है कि कम बारिश, उच्च तापमान और वायरस के प्रकोप ने फसल को प्रभावित किया है. इसके चलते कीमतों में उछाल दर्ज किया जा रहा है.

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