COFFEE FARMING 2024 : कॉफ़ी के उत्पादन से किसान कर पाएंगे दिन दोगुनी रात चौगुनी उन्नति, जानें कैसे !
COFFEE FARMING 2024 : कॉफ़ी के उत्पादन से किसान कर पाएंगे दिन दोगुनी रात चौगुनी उन्नति, जानें कैसे ! कॉफी उत्पादन के मामले में भारत का विश्व में 6वां स्थान है. यह 8200 टन कॉफी का प्रोडक्शन करता है. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में किसान सबसे अधिक कॉफी की खेती करते हैं. कॉफी के कुल उत्पादन में कर्नाटक की हिस्सेदारी 53 फीसदी है.
COFFEE FARMING 2024 : कॉफ़ी के उत्पादन से किसान कर पाएंगे दिन दोगुनी रात चौगुनी उन्नति, जानें कैसे !
COFFEE FARMING 2024 अब भारत के साथ- साथ पूरी दुनिया में लोग चाय से ज्यादा कॉफी पीना पसंद कर रहे हैं. ऐसे में कॉफी मांग धीरे- धीरे बढ़ती जा रही है, लेकिन इसका उत्पादन उस गति के साथ नहीं बढ़ रहा है. अगर बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में किसान भाई कॉफी की खेती करते हैं, तो पारंपरिक फसलों के मुकाबले उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा. हालांकि, कई राज्यों में समय- समय पर कॉफी की खेती करने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जाती है. खुद छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में कॉफी की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.
COFFEE FARMING 2024 भारत का कॉफ़ी उत्पादन में है 6वां स्थान
COFFEE FARMING 2024 ऐसे कॉफी उत्पादन के मामले में भारत का विश्व में 6वां स्थान है. यह 8200 टन कॉफी का प्रोडक्शन करता है. केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में किसान सबसे अधिक कॉफी की खेती करते हैं. कॉफी के कुल उत्पादन में कर्नाटक की हिस्सेदारी 53 फीसदी है. इसी तरह तमिननाडु की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत और केरल की 28 फीसदी है. कॉफी की खासियत है कि इसकी एक बार रोपाई करने पर इसके पेड़ से कई सालों तक कॉफी का प्रोडक्शन ले सकते हैं.
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COFFEE FARMING 2024 कॉफी की खेती के लिए गर्म मौसम अनुकूल होता है. दोमट मिट्टी में कॉफी का उत्पादन अच्छा होता है. अगर किसान भाई चाहें, तो 6 से 6.5 पीएच मान वाली मिट्टी में कॉफी की फार्मिंग कर सकते हैं. जून और जुलाई में कॉफी के पौधों की रोपाई करना अच्छा रहेगा. खास बात यह है कि किसान भाई कॉफी के खेत में हमेशा उर्वरक के रूप में जैविक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं. वहीं, कॉफी की फसल की सिंचाई करने की जरूरत नहीं होती है. यह बारिश के पानी से अपनी जरूरत पूरा कर लेती है.
COFFEE FARMING 2024 कॉफी से लाखों की होती है कमाई
COFFEE FARMING 2024 कॉफी की खासियत है कि इसके पौधों पर कीटों के हमले भी बहुत कम होते हैं. रोपाई करने के 5 साल बाद कॉफी की फसल तैयार हो जाती है. कॉफी के एक पेड़ से आप 50 साल तक कमाई कर सकते हैं. अगर किसान भाई एक एकड़ में कॉफी के बाग लगाते हैं, तो 3 क्विंटल तक पैदावार मिलेगी. ऐसे में किसान कॉफी की खेती से अच्छा फायदा कमा सकते हैं.
COFFEE FARMING 2024 हिमाचल प्रदेश में होगी कॉफ़ी की खेती
COFFEE FARMING 2024 सेब के लिए मशहूर हिमाचल प्रदेश में अब कॉफी के पौधे भी अपनी महक बिखेरेंगे। पूर्व इंडियन कॉफी बोर्ड के सदस्य डॉ. विक्रम शर्मा ने अपने गृह क्षेत्र घुमारवीं में कॉफी उगाने का सफल ट्रायल किया है। उन्होंने चंद्रागिरी नामक किस्म का सफल ट्रायल किया है। इसके साथ ही वह क्षेत्र में मसालों के उत्पादन को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
उत्तर भारत में कॉफी का उत्पादन बड़े स्तर पर नहीं होता है, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए यहां की जलवायु अधिक अनुकूल नहीं है। इसके बावजूद बिलासपुर के डॉ. विक्रम ने चंद्रागिरी किस्म का सफल ट्रायल कर दिखाया है। उन्होंने बताया कि वह 1998 में चिकमंगलूर से कॉफी के तीन किस्म के बीज लाए थे।
COFFEE FARMING 2024 इसमें चंद्रागिरी, एस-9, एस-11 शामिल हैं। इसके बाद अपने गांव पलसोटी में इसकी खेती शुरू की। इसमें में चंद्रागिरी किस्म का ट्रायल सफल हुआ है। यह एक बेहतरीन किस्म का पौधा है। उन्होंने इसके अभी करीब 150 पौधे लगाए हैं। यह किस्म प्रदेश के अन्य जिलों भी सफल होगी।
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इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह छायादार वातावरण में कामयाब है। छाया में इसकी खेती होने से इसके साथ अन्य फसलों की खेती की जा सकती है। इसमें सबसे अधिक हींग, पिस्ता और दालचीनी की खेती हो सकती है। साथ ही फलदार पौधों के बीच इसे उगाया जा सकता है। इसके लिए अच्छा तापमान 10 से 35 डिग्री होता है। साथ ही यह कोहरे की मार को झेल सकता है।
COFFEE FARMING 2024 नहीं होती कीटनाशक की आवश्यकता
COFFEE FARMING 2024 सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार के स्प्रे या कीटनाशक की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह पौधे 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इस कारण यह पर्यावरण के लिए और लाभकारी है। उन्होंने बताया कि शुरू में जब अन्य कृषि विशेषज्ञों और उच्च अधिकारियों से इस बारे में काम करने का कहा तो उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में इसकी अधिक संभावनाएं नहीं हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। प्रदेश में कॉफी उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं।
COFFEE FARMING 2024 दक्षिण भारत में कॉफी उत्पादन भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में बड़े स्तर पर कॉफी उत्पादन किया जाता है। यही कारण है कि भारत एशिया में इसके उत्पादन और निर्यात में तीसरे स्थान पर है। इसके उत्पादन के लिए कार्बनिक पदार्थ युक्त मिट्टी की आवश्यकता होती है, जो इन राज्यों में पाई जाती है। भारत से निर्यात होने वाली कॉफी को उच्च गुणवत्ता की माना जाता है। इसमें अरेबिका, केंट, एस-795, बाबाबुदन गिरी, रोबेस्टा, कावेरी और वायनाड रोबस्टा कॉफी किस्म शामिल है।