Delhi-Vadodara-Mumbai Expressway: भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, 1 लाख करोड़ की लागत से बदलेगा सफर का अनुभव

Delhi-Vadodara-Mumbai Expressway: भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला प्रोजेक्ट – दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे – अब अंतिम चरण में है। यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी को न केवल घटाएगा, बल्कि यात्रियों को तेज, सुरक्षित और किफायती सफर का अनुभव देगा।

1,350 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे अब तक की भारत की सबसे बड़ी सड़क परियोजना है, जिसकी अनुमानित लागत ₹1 लाख करोड़ रुपये है। इसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा तैयार किया जा रहा है और इसका रखरखाव भी यही संस्था करेगी।


Delhi-Vadodara-Mumbai Expressway: भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, 1 लाख करोड़ की लागत से बदलेगा सफर का अनुभव

एक्सप्रेसवे का एरियल व्यू

प्रोजेक्ट की प्रमुख विशेषताएं

इस हाईवे को 8 लेन चौड़ा बनाया जा रहा है, जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। रास्ते में हर 50 किलोमीटर पर रेस्ट एरिया, पेट्रोल पंप, और इमरजेंसी सर्विस स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इस एक्सप्रेसवे में अत्याधुनिक ई-टोल प्रणाली (FASTag आधारित) और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का भी समावेश होगा।


यात्रा में समय और ईंधन की बचत

वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की सड़क यात्रा में लगभग 24-26 घंटे का समय लगता है। लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद यह दूरी केवल 12-13 घंटों में तय की जा सकेगी। इसके साथ ही फ्यूल कंजंप्शन में लगभग 15-20% की कमी आएगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत भी घटेगी।


पर्यावरण के प्रति सजग योजना

यह एक्सप्रेसवे केवल तेज गति का मार्ग नहीं होगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिहाज़ से भी बेहद संवेदनशील तरीके से डिज़ाइन किया गया है। सौर ऊर्जा से चलने वाले स्ट्रीट लाइट्स, साउंड बैरियर, और वृक्षारोपण जैसी सुविधाएं इसे ग्रीन हाइवे बनाती हैं। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पर्यावरण की रक्षा भी होगी।


पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2023 में दिल्ली-दौसा-लालसोट (246 किमी) सेक्शन का उद्घाटन किया था। उसके बाद वडोदरा से मुंबई तक के हिस्से को भी चरणबद्ध तरीके से जनता के लिए खोला गया है। शेष कार्यों को 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।


राज्यों को मिलेगा विशेष लाभ

इस प्रोजेक्ट से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। खासतौर पर छोटे शहरों जैसे दौसा, कोटा, रतलाम, वडोदरा और पालघर जैसे क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।


लॉजिस्टिक्स और रोजगार की बूम

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, वेयरहाउसिंग ज़ोन, फूड पार्क्स और लॉजिस्टिक्स हब बनाए जा रहे हैं, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। यह परियोजना भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकती है।


यात्री अनुभव को मिलेगा नया आयाम

एक्सप्रेसवे के माध्यम से सफर करना केवल तेज नहीं बल्कि सुरक्षित और आरामदायक भी होगा। फास्ट लेन, इमरजेंसी कॉल बॉक्स, एम्बुलेंस सुविधा, और लाइव ट्रैफिक अपडेट सिस्टम यात्रियों के अनुभव को पूरी तरह बदल देंगे।


कब तक होगा पूरा

NHAI के अनुसार, दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे का संपूर्ण निर्माण कार्य 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही यह देश की पहली ऐसी सड़क परियोजना बन जाएगी, जो तकनीकी, पर्यावरणीय और आर्थिक मानकों पर एक मिसाल पेश करेगी।


दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत के भविष्य का मार्ग है — तेज, आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल। यह केवल एक सड़क नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाली जीवनरेखा साबित होगी। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो यह परियोजना आने वाले वर्षों में भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगी।