दुल्हन बनना हर लड़की का सपना होता है और हर लड़की जाती है कि उसकी धूमधाम से शादी हो। हिंदू धर्म में शादी ब्याह का बहुत ज्यादा महत्व है और हिंदू धर्म में शादी से जुड़े हर एक रस्म बेहद मायने रखते हैं और बेहद खास होते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार चूड़ा बिंदी सिंदूर पायल हर कुछ का अपना मायने होता है और इसका बेहद खास महत्व भी होता है।
चूड़े को सुहाग का प्रतीक माना जाता है और भारतीय संस्कृति में चूड़ियों की काफी बड़ी प्रथा है। दुल्हन जब अपने हाथों में लाल हरी चूड़ियां बनती है तो उनकी खूबसूरती निखर जाती है। चूड़ियों को काफी शुभ माना जाता है इसलिए भारत की महिलाओं को चूड़ियों से बेहद लगाव होता है और यह उनकी खूबसूरती में चार चांद भी लगा देती है।

क्यों शादियों में पहनाया जाता है दुल्हन को चूड़ा,जाने इसका धार्मिक महत्व
वैसे तो पंजाबी शादियों में चूड़ा पहनने का बहुत बड़ा रोल होता है लेकिन आजकल भारत के हर राज्य में चूड़ा पहनने का रसम देखा जा रहा है। देश के कोने कोने की लड़की आजकल जुड़ा पहनना चाहती है और अपनी शादी में खूबसूरत लगना चाहती है। आपको बता दें कि भारतीय शादी में कई तरह के रस में होती है ठीक वैसे ही शादी के दिन दुल्हन के घर पर चूड़ा और कलीरे की भी एक रसम होती है।

क्यों शादियों में पहनाया जाता है दुल्हन को चूड़ा,जाने इसका धार्मिक महत्व
चूड़ा दुल्हन के मामा जी के द्वारा शादी के दौरान दी जाती है और इस दौरान दुल्हन की आंखें उनकी मां बंद कर देती है ताकि वह चूड़ा नहीं देख पाए। ऐसा कहा जाता है कि तैयार होने के दौरान दुल्हन को चूड़ा देखना शुभ नहीं होता है।
Also Read:Vastu Tips For Money: घर में रखे यह खास मूर्ति,बनेंगे बिगड़े काम होगा धन लाभ1
इसलिए जुड़े को पहले दूध में भिगोने के लिए रख दिया जाता है। दुल्हन को लगभग शादी के 1 साल तक चौड़ा पहनना होता है। आपको बता दें कि से 40 दिन तक पहना जा सकता है चूड़े का महत्व शादीशुदा होने का प्रतीक है और इसे प्रजनन और समृद्धि का संकेत भी माना जाता है।