FOX NUT FARMING 2024 : मखाने की खेती है मुनाफे का सौदा, जाने कैसे !
FOX NUT FARMING 2024 : मखाने की खेती है मुनाफे का सौदा, जाने कैसे ! मखाना की खेती के एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रति हेक्टेयर 30 से 35 क्विंटल मखाने का उत्पादन होता है। मार्केट में इसका रेट 35 से 40 हजार रुपए कुंतल है। लावा तैयार कर बेचने पर यह और भी महंगा बिकता है।
FOX NUT FARMING 2024 : मखाने की खेती है मुनाफे का सौदा, जाने कैसे !
FOX NUT FARMING 2024 बढ़ती लागत और कम मुनाफा के चलते खेती से मुंह मोड़ रहे देवरिया जिले किसानों के लिए अच्छी खबर है। मखाना की खेती उनकी आर्थिक तस्वीर बदल सकती है। कृषि एक्सपर्ट्स की मानें तो इस फसल से एक हेक्टेयर में लगभग डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा है। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह की पहल पर जिले के लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ कृषि भूमि पर इस साल मखाना की खेती की शुरुआत होगी। बिहार के मधुबनी और दरभंगा के किसानों के लिए मखाना की खेती वरदान बनी है। इसकी खेती जल जमाव वाली भूमि पर ही होती है।
FOX NUT FARMING 2024 किसानो ने परंपरागत खेती से मुँह मोड़ा
FOX NUT FARMING 2024 देवरिया जिला कभी गन्ना की खेती के लिए मशहूर था। इस जिले में 14 चीनी मिलें थी। यहां के किसान गन्ना की खेती से खुशहाल थे। मगर 90 के दशक के बाद धीरे धीरे सभी चीनी मिलें बंद होती गई और गन्ना का रकबा घटता गया। चीनी मिलों की बंदी के बाद गन्ना की खेती भी बंद हो गई और किसान पूरी तरह धान गेहूं की खेती पर ही आश्रित होते गए। धान व गेहूं की खेती में लागत अधिक और मुनाफा कम होने की वजह से किसान अब इस परम्परागत खेती से भी मुंह मोड़ने लगे हैं।
FOX NUT FARMING 2024 मुनाफा होगा लाखों में
FOX NUT FARMING 2024 खेती को घाटे का सौदा मानकर निराश हो रहे किसानों के लिए मखाना की खेती मील का पत्थर साबित होगी। क्योंकि कम लागत में अच्छा मुनाफा, खपत और मार्केट रेट के हिसाब से प्रति हेक्टेयर लगभग डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा है। जो अन्य किसी भी खेती में नहीं है।
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ऐसे में मखाने की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी और खेती छोड़ कर भाग रहे किसानों का पलायन भी रूकेगा। बिहार के दरभंगा और मधुबनी की तरह देवरिया जिला की मखाना का हब के रूप में चर्चित होगा और बेकार पड़ी जलमग्न जमीनों का उपयोग भी होने लगेगा।
FOX NUT FARMING 2024 मखाना की खेती कब करें
FOX NUT FARMING 2024 मखाने की खेती जलमग्न भूमि में होती है। नवंबर महीने में इसकी नर्सरी डाली जाती है। चार महीने बाद फरवरी और मार्च महीने में इसकी रोपाई की जाती है। मखाना की खेती के लिए हमेशा तीन से चार फीट पानी भरा रहना जरूरी है। रोपाई के लगभग 5 माह बाद पौधों में फूल लगने लगते हैं। अक्टूबर नवम्बर में इसकी कटाई शुरू होती है।
FOX NUT FARMING 2024 इस तरह नर्सरी से लेकर कटाई तक में लगभग 10 महीने का समय लगता है। हालांकि मखाने की कई ऐसी किसने भी हैं जो कम लागत और कम समय में अच्छा उत्पादन होता है। मुख्य विकास अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि देवरिया जिले में अधिकांश गांव ऐसे हैं जहां पानी लगने की वजह से किस एक ही फसल ले पाते हैं। उन जगहों को चिन्हित किया जा रहा है। नवंबर महीने में की नर्सरी डाली जाती है हमारी कोशिश है उसके पहले मखाने की खेती के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली जाए।
FOX NUT FARMING 2024 बिहार में की जा रही मखाने की खेती
FOX NUT FARMING 2024 जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि देवरिया जिले के आर्थिक विकास के लिए अधिकारियों और यहां की जनता से लगातार राय लिया जा रहा है। देवरिया जिला अच्छी वर्षा वाला जिला है और यहां के सभी ब्लॉकों में पानी की भरपूर उपलब्धता है। यहां की 30 फीसदी जमीन लगातार जलमग्न रहती है।
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FOX NUT FARMING 2024 यही नहीं दुनिया का 97 फ़ीसदी मखाना यहां से दो सौ किलोमीटर दूर बिहार के दरभंगा वह मधुबनी जिला में पैदा होता है। यहां की जलवायु के हिसाब से मखाना की खेती के लिए अच्छी संभावनाएं हैं ।ऐसे में कृषि विशेषज्ञों को बुलाकर इसकी खेती शुरू करने की तैयारी की जा रही है।