GILOY BENEFITS 2024 : गिलोय के असाधारण फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान, जाने उपयोग !

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GILOY BENEFITS 2024 : गिलोय के असाधारण फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान, जाने उपयोग !

GILOY BENEFITS 2024 : गिलोय के असाधारण फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान, जाने उपयोग !

GILOY BENEFITS 2024 : गिलोय के असाधारण फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान, जाने उपयोग ! गिलोय (Tinospora Cordifolia) एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जगंलों-झाड़ियों में पाई जाती है। प्राचीन काल से ही गिलोय को एक आयुर्वेदिक औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। गिलोय के फायदों को देखते हुए ही हाल के कुछ सालों से अब लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब लोग गिलोय की बेल अपने घरों में लगाने लगे हैं। हालांकि अभी भी अधिकांश लोग गिलोय की पहचान ठीक से नहीं कर पाते हैं।

GILOY BENEFITS 2024 : गिलोय के असाधारण फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान, जाने उपयोग !

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गिलोय की पहचान करना बहुत आसान है। इसकी पत्तियों का आकार पान के पत्तों के जैसा होता है और इनका रंग गाढ़ा हरा होता है। आप गिलोय (Giloy in hindi) को सजावटी पौधे के रुप में भी अपने घरों में लगा सकते हैं। गिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है, इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के लिहाज से सर्वोत्तम माना जाता है। इसे नीम गिलोय (Neem giloy) के नाम से जाना जाता है।

अत्यंत लाभकारी है गिलोय

गिलोय, जिसे गुडूची या अमृता भी कहा जाता है. यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. यह अपनी एंटीपायरेटिक, ब्लड प्यूरीफायर और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली क्षमताओं के लिए जानी जाती है.एसिडिटी, जिसे अपच या सीने में जलन के नाम से भी जाना जाता है. यह एक आम पाचन समस्या है,

जो पेट में अम्ल के ज्यादा प्रोडक्शन या पेट से अम्ल का गलत तरीके से एसोफेगस में वापस आने के कारण होती है. इसके लक्षणों में सीने में जलन, अपच, पेट फूलना, मतली, उल्टी और खट्टी डकारें शामिल हो सकते हैं.गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट की अस्तर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो एसिडिटी का एक प्रमुख कारण है.

पाचन तंत्र की मजबूती में

गिलोय पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और भोजन के पाचन में सुधार करने में मदद करता है, जिससे अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है. कब्ज एसिडिटी का एक और कारण हो सकता है. गिलोय कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है, जो एसिडिटी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. गिलोय पेट में अम्ल के उत्पादन को कम करने में मदद कर सकता है,

जो एसिडिटी के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकता है. गिलोय डायबिटीज, कब्ज़ और पीलिया समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। गिलोय या गुडूची (Guduchi) के गुणों के कारण ही आयुर्वेद में इसका नाम अमृता रखा गया है जिसका मतलब है कि यह औषधि बिल्कुल अमृत समान है।

श्वशन विकार दूर करने में

आयुर्वेद के अनुसार पाचन संबंधी रोगों के अलावा गिलोय सांस संबंधी रोगों जैसे कि अस्थमा और खांसी से भी आराम दिलाने में काफी फायदेमंद है। विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट की तरह काम करती है और टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में असरदार भूमिका निभाती है। गिलोय जूस (giloy juice) ब्लड शुगर के बढे स्तर को कम करती है, इन्सुलिन का स्राव बढ़ाती है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करती है। इस तरह यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी औषधि है।

इम्युनिटी बढ़ाने में

बीमारियों को दूर करने के अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी गिलोय के फायदे (Giloy ke fayde in hindi) में शामिल है। गिलोय सत्व या गिलोय जूस (Giloy juice) का नियमित सेवन शरीर की इम्युनिटी पॉवर को बढ़ता है जिससे सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।

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शरीर में खून की कमी होने से कई तरह के रोग होने लगते हैं जिनमें एनीमिया सबसे प्रमुख है। आमतौर पर महिलायें एनीमिया से ज्यादा पीड़ित रहती हैं। एनीमिया से पीड़ित महिलाओं के लिए गिलोय का रस काफी फायदेमंद है। गिलोय का रस (Giloy juice) का सेवन शरीर में खून की कमी को दूर करती है और इम्युनिटी क्षमता को मजबूत बनाती है।

कैसे करें गिलोय का उपयोग ?

आज के समय में अधिकांश लोगों को गिलोय के फायदे (Giloy ke fayde) तो पता हैं लेकिन उन्हें गिलोय की सेवन विधि नहीं पता होती है। आमतौर पर गिलोय का सेवन आप इन तीन रूपों में कर सकते हैं गिलोय सत्व, गिलोय जूस (Giloy juice) या गिलोय स्वरस और गिलोय चूर्ण। आजकल बाज़ार में गिलोय सत्व और गिलोय जूस आसानी से उपलब्ध हैं।

गिलोय का काढ़ा गिलोय की सूखी टहनियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है. इसे दिन में दो बार सुबह और शाम को खाली पेट पिया जा सकता है. गिलोय चूर्ण गिलोय के तने को सुखाकर पीसकर चूर्ण बनाया जा सकता है. 1 चम्मच चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार सुबह और शाम को खाली पेट पिया जा सकता है.

गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व

गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा गिलोय (Giloy in hindi) में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक,कैल्शियम और मैगनीज भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।

गिलोय के औषधीय गुण

आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की पत्तियां, जड़ें और तना तीनो ही भाग सेहत के लिए बहुत गुणकारी हैं लेकिन बीमारियों के इलाज में सबसे ज्यादा उपयोग गिलोय के तने या डंठल का ही होता है। गिलोय में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं।

इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज़, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों आदि से आराम दिलाती है। बहुत कम औषधियां ऐसी होती हैं जो वात, पित्त और कफ तीनो को नियंत्रित करती हैं, गिलोय उनमें से एक है। गिलोय (Giloy in hindi) का मुख्य प्रभाव टॉक्सिन (विषैले हानिकारक पदार्थ) पर पड़ता है और यह हानिकारक टॉक्सिन से जुड़े रोगों को ठीक करने में असरदार भूमिका निभाती है।

उपलब्धता

गिलोय का सीरा, हलवा और पाउडर पेस्ट एवं रस आसानी से उपलब्ध हो जाता है। मंडी में कई स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं भी अब गिलोय के उत्पाद बनाकर बेच रही हैं। प्रो. तारा सेन ने बताया कि गिलोय को प्रयोग करने का सबसे आसान तरीका इसे सुखाने के बाद प्रति व्यक्ति के हिसाब से इसका पाउडर चम्मच का एक चौथाई हिस्सा खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

गिलोय का रस अगर त्वचा पर लगा लें तो चाहे बाहर कितनी भी गर्मी हो, यह त्वचा को जलने नहीं देगा। यह उपाय उन लोगों के लिए कारगर है जो तेज गर्मी में बाहर काम करने जाते हैं और धूप में रहना उनकी मजबूर होती। बता दें कि गिलोय आयुर्वेद में महत्वपूर्ण औषधि है।

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गिलोय का उपयोग शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और बुखार को कम करने के लिए किया जाता है। गिलोय का रस या इसका पेस्ट त्वचा पर लगाने से ठंडक का अनुभव होता है, जिससे त्वचा की जलन और दाने कम होते हैं। गिलोय का प्रभाव बहुत ठंडा होता है और शरीर को शीतलता देता है।

उपयोग पूर्व सावधानियां

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.डायबिटीज के रोगियों को गिलोय का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर के लेवल को कम कर सकता है.अगर आपको सेहत से जुड़ी कोई परेशानी है, तो गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.

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