IAS Success Story: हर साल लाखों की संख्या में बच्चे यूपीएससी की तैयारी करते हैं और यूपीएससी की तैयारी करने वाले बच्चों को कई तरह के संघर्षों का सामना भी करना पड़ता है. उतार-चढ़ाव के बीच वाली बच्चे यूपीएससी जैसे बड़ी परीक्षा में सफलता हासिल करते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और मुश्किलों से पीछे नहीं भागते.
हमारे देश में हर साल लाखों की संख्या में बच्चे यूपीएससी की तैयारी करते हैं लेकिन इसमें वही बच्चे आईएएस ऑफिसर बन पाते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और कुछ पाने का जुनून लेकर हर मुश्किलों का सामना करते हैं.

कभी चपरासी की नहीं मिली थी नौकरी, आज वही लड़का बना IAS ऑफिसर, जाने मनीराम की कहानी
आज हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने वाले हैं जिसे कभी चपरासी की नौकरी नहीं मिली थी लेकिन इसके कड़ी मेहनत के बदौलत या लड़का आईएएस ऑफिसर बन गया. आज हम आपको राजस्थान के मनीराम की कहानी बताने वाले हैं जो कि अपने मेहनत के दम पर आईएएस ऑफिसर बन गए.
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साल 2009 में यूपीएससी परीक्षा पास कर कर मनीराम आईएएस ऑफिसर बने. आपको बता दें कि मनीराम के पिता मजदूर थे यही कारण था कि मनीराम गांव में स्कूल ना होने के कारण रोज 5 किलोमीटर पैदल चल कर जाते थे. जब मनीराम ने दसवीं की परीक्षा पास कर ली तब उनके पापा उनको चपरासी की नौकरी दिलवाने के लिए ले गए थे लेकिन वहां पर उन्हें चपरासी की नौकरी नहीं मिली क्योंकि वह कानों से सुन नहीं सकते थे.
उसके बाद मनीराम आईएएस की तैयारी करने लगे और साल 2005 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की लेकिन बहरे होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली. 2006 में उन्होंने दोबारा परीक्षा पास की तब उन्हें पोस्ट एंड टेलीग्राफ अकाउंट्स की नौकरी मिली थी उसके बाद उन्होंने फिर 2009 में परीक्षा पास की जिसके बाद उन्हें आईएस का पोस्ट मिला.