इलायची की खेती: आज के समय में लोग खेती किसानी करना काफी फायदेमंद मानते हैं क्योंकि खेती में काफी फायदा होने लगा है.साथ ही साथ ग्रामीण इलाकों में भी किसान खेती करके काफी अमीर बन गए हैं.
सरकार के द्वारा खेती किसानी की प्रक्रिया में काफी सहायता किया जा रहा है. आज के समय में सरकार किसानों की आर्थिक मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है जिससे कि किसान खेती से काफी अमीर बन रहे हैं.

काफी मुनाफा देती है इलायची की खेती, इलायची की खेती करते समय ना करें यह गलतियां
आज हम आपको इलायची की खेती के बारे में बताने वाले. इलायची की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद होती है और कम समय में अगर आपको हमीर बनना है तो आप इलायची की खेती कर सकते हैं.
इलायची का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है साथ ही साथ खाना बनाने में सब्जी बनाने में मसालों में हर जगह इलायची का उपयोग किया जाता है. भारत से इलायची का निर्यात किया जाता है और किसान काफी अधिक मुनाफा भी कमाते हैं.

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इलायची की खेती करने का सही तरीका….
इलायची की खेती के लिए काली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके अलावा लैटेराइट मिट्टी, दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली काली मिट्टी पर भी इसकी खेती की जा सकती है. ध्यान रखें कि इसकी खेती कभी रेतीली मिट्टी पर ना करें, वरना किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है.

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रोपाई से लेकर तुड़ाई तक
इलायची के पौधों को खेत में लगाने से पहले इसे नर्सरी में तैयार किया जाता है. एक हैक्टेयर में नर्सरी तैयार करने के लिए एक किलोग्राम इलायची का बीज की मात्रा पर्याप्त रहती है. बारिश के मौसम में इसके पौधों को तब लगाना चाहिए जब उनकी लंबाई जब एक फीट नहीं हो जाए. रोपाई के दो साल बाद इसमे फल लगने लगते हैं. फल लगने के बाद हर 15-25 दिनों के अंतराल पर तुड़ाई की जाती है.