मध्य प्रदेश की वाटर स्पोर्ट्स टीम में शामिल इंदौर के एमिरेल्ड इंटरनेशल स्कूल के छात्र प्रदयुम्न सिंह राठौर का नाम खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है। महेश्वर के करीब सहस्रधारा में सोमवार को कैनोए स्लालोम इवेंट का स्वर्ण जीतने वाले प्रद्युम्न का कहना है कि मप्र को केआईवाईजी की मेजबानी मिलने के बाद सहस्रधारा की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। अब वाटर स्लालोम का यह वैन्यू विश्व स्तरीय हो चुका है और आने वाले समय में इस खेल से जुड़े भारतीय एथलीटों को बहुत फायदा होने वाला है।
कैनोए स्लालोम में स्वर्ण पदक प्राप्त मप्र के एथलीट प्रद्युम्न ने कहा-सहस्रधारा भारतीय खिलाड़ियों के लिए वरदान

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उल्लेखनीय है कि मप्र सरकार ने छह साल पहले घोषणा की थी कि महेश्वर अब भारत का पहला वाटर स्लालोम सेंटर बन गया है। राज्य की खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया की देखरेख में तब से लेकर आज तक इस आयोजन स्थल में काफी सुधार हुआ है। यही कारण है कि मप्र ने कैनोए स्लालोम में दांव पर लगे सभी चार स्वर्ण पदकों पर कब्जा किया। प्रदयुम्न के अलावा मानसी बाथम, विशाल वर्मा और भूमि बघेल ने अपने-अपने इवेंट्स में स्वर्ण जीता।
कैनोए स्लालोम में स्वर्ण पदक प्राप्त मप्र के एथलीट प्रद्युम्न ने कहा-सहस्रधारा भारतीय खिलाड़ियों के लिए वरदान

कई इंटरनेशनल इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके प्रद्युम्न ने पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा लिया है ।वाटर स्पोर्ट्स (कैनोइंग, कयाकिंग और वाटर स्लालोम) को पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में शामिल किया गया है। डेब्यू पर प्रदयुम्न ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सोने पर कब्जा जमाया। मप्र के सभी एथलीटों ने दूसरे स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों की तुलना में काफी बेहतर समय निकाला। इससे यह साबित होता है कि कयाकिंग और कैनोइंग की तरह कैनोए स्लालोम में भी मप्र का वर्चस्व है।
चार साल पहले इस खेल को चुनने वाले प्रद्युम्न पांच इंटरनेशनल इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इनमें तीन विश्व कप जो कि स्पेन, इटली और जर्मनी में आयोजित किए गए थे, शामिल हैं। साथ ही वह ईरान और थाईलैंड में आयोजित दो एशियन चैंपियनशधिप में भी हिस्सा ले चुके हैं।
प्रदयुम्न कहते हैं, “थाइलैंड में मैं जूनियर कटेगरी में ओवरआल चौथे स्थान पर रहा था। ईरान में यंगेस्ट प्लेअर आफ द कांटीनेंट का अवार्ड मिला था, जो मेरे लिए बहुत बड़ा पुरस्कार था। स्पेन इटली और जर्मनी में आयोजित विश्व कप में मेरा भारत की तरफ से अभी तक का बेस्ट परफार्मेंस था”।

महेश्वर में मौजूद सुविधाओ के बारे में प्रदयुम्न कहते हैं, “यह वेन्यू अब इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का हो चुका है। इसमें काफी सुधार हुआ था। पहले यहां काफी पत्थर थे। नदी तक आने में काफी दिक्कत होती थी। अब यहां सब कुछ अच्छा है। बोट को नदी तक लाने में काफी आसानी होती है और इस कारण हमारा काफी समय और एनर्जी बचता है, जिसे हम अपने खेल में लगा सकते हैं और अपने परफार्मेंस और टाइमिंग को बेहतर कर सकते हैं”।
खेलो इंडिया को लेकर प्रदयुम्न ने कहा, “खेलो इंडिया एक शानदार मंच है। यहां की व्यवस्था विश्वस्तरीय है। हम पहली बार खेलो इंडिया में हिस्सा ले रहे हैं और यहां की व्यवस्था को विश्व कप और एशियन चैंपियनशिप जैसे आयोजन स्थलों जैसा कह सकते हैं”।