LITCHI FARMING 2024 : लीची की खेती करते समय रखें इन बातों का ध्यान, बढ़ेगी उत्पादकता ! भारत में लीची खेती बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में होती है. लेकिन इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी खेती अन्य राज्यों में भी की जाने लगी है. झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, उत्तरांचल, आसाम और त्रिपुरा और पश्चिमी बंगाल आदि राज्यों में इसकी खेती होने लगी है. कृषि वैज्ञानिक ने बताया- क्यों लीची की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी है अब ये 5 काम करना।
LITCHI FARMING 2024 : लीची की खेती करते समय रखें इन बातों का ध्यान, बढ़ेगी उत्पादकता !
LITCHI FARMING 2024 बिहार में होता है लीची का सर्वाधिक उत्पादन
LITCHI FARMING 2024 लीची की खेती (Farming) करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर आई है. कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि लीची के पेड़ में फूल अब लगने लगे हैं. यहां से किसानों (Farmers) को श्रम करने के लिए तैयार रहना है. ताकि अच्छी फसल लगे.
भारत में 92 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती हो रही है जिससे कुल 686 हजार मैट्रिक टन उत्पादन प्राप्त होता है, जबकि बिहार में लीची की खेती 32 हजार हेक्टेयर में होती है जिससे 300 मैट्रिक टन लीची का फल प्राप्त होता है. बिहार में लीची की उत्पादकता 8 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि राष्ट्रीय उत्पादकता 7.4टन / हेक्टेयर है.
LITCHI FARMING 2024 डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University), समस्तीपुर, बिहार के अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं एसोसिएट डायरेक्टर रिसर्च डॉ. एसके सिंह ने बताया की लीची फलों की रानी है.
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इसे प्राइड ऑफ बिहार (Pride of Bihar) भी कहते है. कुल लीची उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बिहार का है. जनवरी माह का अंत होने को है. इस समय हमारे लीची उत्पादक किसान यह जानने के लिए उत्सुक है की उन्हें फरवरी माह में क्या करना चाहिए क्या नही करना चाहिए .
LITCHI FARMING 2024 मधुमक्खी बॉक्स रखना होगा लाभकारी
LITCHI FARMING 2024 उनकी इस उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए उन्हें सलाह दी जाती है की वे बाग़ की बहुत हल्की गुड़ाई साफ सफाई के दृष्टिगत कर सकते है लेकिन सिंचाई बिल्कुल न करें, अन्यथा नुकसान हो सकता है. लीची के बाग में माइट से ग्रसित शाखाओं को काट कर एक जगह एकत्र करके जला देना चाहिए. लीची के बगीचे में अच्छी फलन एवं उत्तम गुणवत्ता के लिये मंजर आने के सम्भावित समय से तीन माह पहले से लीची के बाग में सिंचाई कत्तई न करें तथा बाग में कोई भी अंतर फसल को नही लिए होंगे.
LITCHI FARMING 2024 लीची में (प्रजाति के अनुसार) मंजर आने के 30 दिन पहले पेड़ पर जिंक सल्फेट की 2 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर की दर से घोल बना कर पहला छिड़काव करना चाहिए , इसके 15-20 दिन के बाद दूसरा छिड़काव करने से मंजर एवं फूल अच्छे आते है.
फूल आते समय पेड़ पर किसी प्रकार के किसी भी कीटनाशी दवा का छिड़काव नही करना चाहिए. मधुमख्खी बाक्स रखें। फूल आते समय लीची के बगीचे में 15 से 20 मधुमक्खी के बक्शे प्रति हेक्टेयर की दर से रखना चाहिए ,जिससे परागण बहुत अच्छा होता है ,जिससे फल कम झड़ते है एवं फल की गुणवक्ता भी अच्छी होती है एवं बागवान को अतरिक्त आमदनी प्राप्त हो जाती है.
LITCHI FARMING 2024 प्लैनोफिक्स तथा बोरेक्स दवा बचाएगी कीटों से
LITCHI FARMING 2024 फल लगने के एक सप्ताह बाद प्लैनोफिक्स की 1 मि.ली. दवा को प्रति 3 लीटर की दर से पानी में घोलकर एक छिड़काव करके फलों को झड़ने से बचाया जा सकता है.
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फल लगने के 15 दिन बाद बोरेक्स की 5 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर 15 दिनों के अंतराल पर दो या तीन छिड़काव करने से फलों का झड़ना कम हो जाता है, मिठास में वृद्धि होती है तथा फल के आकार एवं रंग में सुधार होने के साथ-साथ फल के फटने की समस्या में भी कमी आती है.