संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, रिटायरमेंट आयु व नीति 2025 पर मांगें तेज

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, रिटायरमेंट आयु व नीति 2025 पर मांगें तेज मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एवं अधिकारी एक बार फिर अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतर आए हैं। 24 अप्रैल 2025 से इन कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की है। उनकी मुख्य मांगें हैं – नियमितिकरण, रिक्त पदों पर संविलियन, सेवानिवृत्ति आयु घटाने का विरोध, और संविदा नीति 2025 में संशोधन।


संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, रिटायरमेंट आयु व नीति 2025 पर मांगें तेज

स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल में प्लेकार्ड के साथ विरोध प्रदर्शन

हड़ताल का मुख्य कारण क्या है

इस आंदोलन का मूल कारण है संविदा स्वास्थ्य नीति 2025, जिसमें सरकार द्वारा कुछ ऐसे बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जो कर्मचारियों को असहज कर रहे हैं।

मुख्य बिंदु:

  1. रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष से घटाकर 62 करना
  2. अनुबंध प्रथा को पूर्णतः समाप्त नहीं करना
  3. पूर्व में मिलने वाली सुविधाओं जैसे ईएल (Earned Leave) और मेडिकल सुविधा को अलग करना
  4. नियमितिकरण व रिक्त पदों पर संविलियन की मांग
  5. अनुबंध की अस्थिरता से भविष्य में नौकरी की अनिश्चितता

कर्मचारी क्या कह रहे हैं

हड़ताल में भाग ले रहे भोपाल के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा का कहना है:

“हम 10–15 वर्षों से सेवा दे रहे हैं, पर हमें आज तक न पेंशन का लाभ मिला, न ही स्थायी रोजगार का आश्वासन। अब हमारी रिटायरमेंट की उम्र भी घटाई जा रही है – यह अन्याय है।”


संविदा नीति 2025 में क्या है बदलाव

संविदा नीति 2025 में राज्य सरकार ने प्रस्तावित किया है कि संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु अब 65 वर्ष से घटाकर 62 वर्ष कर दी जाएगी। साथ ही, कुछ सुविधाओं को खत्म या विभाजित करने की प्रक्रिया की जा रही है:

  • ईएल और मेडिकल सुविधा अब एक साथ नहीं दी जाएगी
  • रिन्युअल प्रक्रिया हर साल होगी, जिससे नौकरी की स्थिरता खत्म हो जाती है
  • वरिष्ठ संविदा अधिकारियों को हटाकर नए युवाओं को प्राथमिकता दी जा सकती है

सेवानिवृत्ति आयु को लेकर क्यों है विवाद

अधिकतर संविदा कर्मचारी 50 वर्ष से ऊपर हैं। ऐसे में अगर रिटायरमेंट की उम्र घटाई जाती है तो हजारों कर्मचारी अगले 1–2 वर्षों में सेवा से बाहर हो सकते हैं। उन्हें न तो कोई पेंशन मिलेगी और न ही भविष्य की स्थिरता।

इसका सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यही संविदा कर्मचारी सेवा दे रहे हैं।


कितने कर्मचारी हड़ताल में हैं शामिल

राज्यभर में लगभग 20,000 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी व अधिकारी इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं। इसमें शामिल हैं:

  • ANM / GNM
  • लैब टेक्नीशियन
  • कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO)
  • डाटा एंट्री ऑपरेटर
  • मेडिकल ऑफिसर
  • फार्मासिस्ट्स

स्वास्थ्य सेवाओं पर क्या होगा असर

इस हड़ताल का सीधा असर जिले व ब्लॉक लेवल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) पर पड़ रहा है। गांवों में टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, और दवा वितरण जैसी गतिविधियाँ ठप हो सकती हैं।


क्या है कर्मचारियों की 8 सूत्रीय मांगें

  1. सभी संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण
  2. रिक्त पदों पर संविलियन
  3. रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष की जाए
  4. ईएल और मेडिकल सुविधा को अलग न किया जाए
  5. अनुबंध प्रथा समाप्त की जाए
  6. समान कार्य के लिए समान वेतन
  7. वरिष्ठ कर्मचारियों को नौकरी में प्राथमिकता
  8. सेवा की निरंतरता सुनिश्चित की जाए

सरकार की प्रतिक्रिया

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि “सरकार कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से ले रही है, और चर्चा के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है। किसी भी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसका प्रयास जारी है।”

हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि जब तक लिखित आश्वासन नहीं दिया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा।


संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल न सिर्फ उनके भविष्य की चिंता को दर्शाती है, बल्कि एक बार फिर यह मुद्दा उठा रही है कि “अस्थायी कर्मचारी कब तक अस्थिर रहेंगे?”
अगर सरकार समय रहते समाधान नहीं निकालती, तो इसका व्यापक असर पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर पड़ सकता है।

संविदा नीति 2025 को लेकर आने वाले समय में और भी विरोध हो सकते हैं, जो इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा भी बना सकते हैं।