Organic Farming 2024 : जैविक कृषि उत्पादों से बढ़ा सकते है आय के स्त्रोत, जाने क्या है फायदा !
Organic Farming 2024 : जैविक कृषि उत्पादों से बढ़ा सकते है आय के स्त्रोत, जाने क्या है फायदा ! ऑर्गेनिक फार्मिंग करने वाले चार सफल किसानों की कहानी, जैविक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिसकी वजह से केमिकल फ्री खेती करने वाले किसानों को अच्छी कमाई होने लगी है.
Organic Farming 2024 : जैविक कृषि उत्पादों से बढ़ा सकते है आय के स्त्रोत, जाने क्या है फायदा !
Organic Farming 2024 पर्यावरण को होगा लाभ
Organic Farming 2024 मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की द्रोपती सिंह, बैतूल जिले के आशाराम यादव, जीवतु इवने, स्वदेश चौधरी, उज्जैन जिले के गोपाल डोडिय ये नाम उन कुछ किसानों के हैं, जिन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) का रास्ता अपनाकर अपने खेतों की फसल उत्पादकता बढ़ाकर आर्थिक समृद्धि हासिल की है.
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इतना ही नहीं उन्होंने जैविक खेती (Organic Farming) के जरिए मानव स्वास्थ्य, मिट्टी, फसलों और पर्यावरण पर रासायनिक खादों के दुष्परिणामों की रोकथाम में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दिया है. यह संभव हुआ है इन सभी किसानों (Farmers) को कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत दी गई ट्रेनिंग में. जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केमिकल फ्री खेती पर जोर देना शुरू किया है तब से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस दिशा में काफी तेजी से काम हो रहा है.
Organic Farming 2024 महिला किसान ने बढ़ाया उत्पान और आय
Organic Farming 2024 शहडोल जिले के विकासखण्ड सोहागपुर के ग्राम खेतौली की आदिवासी महिला किसान द्रोपती सिंह के पास 1.400 हेक्टेयर जमीन है. उन्हें गोबर, गोमूत्र, बेसन और मिट्टी से बनी मटका खाद तथा विभिन्न पेड़ों की पत्तियों को पीसकर गोमूत्र और गोबर मिलाकर जैविक कीटनाशी बनाना सिखाया गया.
द्रोपती ने श्री विधि से धान की फसल लगाई और इस जैविक मटका खाद और जैविक कीटनाशी का उपयोग किया. उन्हें उपलब्ध कराई गई जैविक आदान सामग्री और एसआरआई तकनीक के प्रयोग से पूर्व वर्ष की तुलना में इस वर्ष 20 से 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन मिला. जैविक फसल होने के कारण उन्हें बाजार में अपनी फसल का अच्छा दाम प्राप्त हुआ है.
Organic Farming 2024 जैविक खेती से बैतूल के किसान को आठ लाख रुपये की आमदनी
Organic Farming 2024 बैतूल जिले के विकासखण्ड मंडई खुर्द के ग्राम खापरखेड़ा के किसान आशाराम यादव वर्ष 2018-19 से अपनी 12 एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं. उन्हें जैविक गेहूं के उत्पादन से वर्ष में 8 लाख रुपये की आमदनी हो रही है. जैविक खेती के साथ उन्होंने आम का बगीचा भी लगाया है, जिससे उन्हें निकट भविष्य में अतिरिक्त आय होगी.
बैतूल जिले के ही जीवतु इवने 5 एकड़ जमीन पर सोयाबीन (Soybean) और लोकवन गेहूं की फसल ले रहे थे. लगातार गिरते उत्पादन से उनकी माली हालात बिगड़ती जा रही थी. इसी दौरान जीवतु को आत्मा परियोजना में जैविक खेती का मार्ग चुना. बायोगैस संयंत्र और वर्मी कम्पोस्ट पिट का निर्माण करवाया. अच्छे किस्म की वर्मी कम्पोस्ट खाद मिलने से अब उनकी सालाना आमदनी में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है.
Organic Farming 2024 उत्पादों को सही दाम भी मिला
Organic Farming 2024 ऐसी ही कुछ कहानी है बैतूल जिले के स्वदेश चौधरी की, जिनकी 5 एकड़ जमीन जैविक प्रमाणीकरण संस्था भेापाल से पंजीकृत है. उन्हें अपने जैविक उत्पादों का भी वाजिब दाम भी नहीं मिल पा रहा था. जिले के कलेक्टर और कृषि विभाग के अधिकारियों ने जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बैतूल के शिवाजी ऑडिटोरियम में जैविक हाट बाजार शुरू किया.
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इस पहल से स्वदेश के जैविक उत्पादों जैसे गुड़, गेहूं, अरहर, कच्ची घानी, मूंगफली तेल, धनिया, मैथी, लहसुन और चावल की अच्छी कीमत मिलने लगी. अब वे आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी अपने जैविक उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं. वो इस समय लगभग 8 लाख रुपये की सालाना शुद्ध कमाई कर रहे हैं.
Organic Farming 2024 सैकड़ों किसान हो रहे लाभान्वित
Organic Farming 2024 उज्जैन जिले के विकासखण्ड बड़नगर के ग्राम विसाहेड़ा के किसान गोपाल डोडिया के यहां पैदा हुए जैविक फसलों के उत्पाद लोग इनके घर से ही ऊंचे दाम पर हाथों-हाथ खरीद कर ले जाते हैं. केवल प्राथमिक स्कूल तक पढ़े डोडिया के लिए यह विश्वसनीयता हासिल करना ही उनके जीवन की बड़ी उपलब्धि है.
वो अपने दो हेक्टेयर जमीन पर किसी भी रासायनिक खाद का नहीं बल्कि स्वयं के बनाये हुए गोबर, गोमूत्र, कम्पोस्ट खाद, जीवामृत, घन जीवामृत, बीजामृत के साथ ही फसल उत्पादन करते हैं. वे पराली भी नहीं जलाते है. गहरी जुताई और मेढ़ नाली पद्धति से बुआई कर लगातार उत्पादन बढ़ाने में सफल हो रहे हैं.