पानी पूरी बनी जानलेवा : यदि आप भी है पानीपुरी के शौकीन, तो हो जाइये सावधान, पानीपुरी में उपयोग होने वाले केमिकल कर रहे है आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ भारत में पानीपुरी हर महिला पुरुष और बच्चे की पसंद होती है सभी गोलगप्पो के दीवाने है भारत की अधिकतर महिलाएं और बहुत सारे पुरुष भी गोलगप्पे खाने के शौकिन है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में भले ही इसे अलग नामों (गोलगप्पा, पानीपूरी, पुचका, बताशे) से जाना जाता है। भारत में तो गोलगप्पे की दीवानगी इस हद तक है की गाँव या शहर ही हर गलियों में पानीपुरी का ठेला जरूर मिल जायेगा इसके स्वाद के लोग काफी दिवाने हैं। हर गोल गप्पे वाले के पास आपको मजे से पानी पूरी खाते हुए लोग मिल जाएंगे। लेकिन क्या आप जो गोल गप्पा खा रहे हैं, वो आपके सेहत के लिए सही है? इन गोपगप्पों में कुछ ऐसे केमिकल है, जो कैंसर पैदा करने का कारण बन सकते हैं।
पानी पूरी बनी जानलेवा : यदि आप भी है पानीपुरी के शौकीन, तो हो जाइये सावधान, पानीपुरी में उपयोग होने वाले केमिकल कर रहे है आपकी सेहत के साथ खिलवाड़

पानीपुरी जिसे हम गोलगप्पे के नाम से भी जानते हैं.ये सभी का पसंदीदा street food होता है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे खाने से न सिर्फ मन खुश होता है बल्कि कुछ disadvantage भी होते हैं.जानते हैं इस बारे में. पानीपूरी का पानी अधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया का खतरा हो सकता है। बच्चे यदि ज्यादा गोलगप्पे खाते हैं तो dehydration की परेशानी हो सकती है। पानी पूरी का पानी पीने से दस्त और पीलिया होने की आशंका रहती है। इसके अलावा पाचन की समस्या भी हो सकती है।
क्यों नुकसान दायक है गोलगप्पे ?
पानी पूरी सेहत के लिए हानिकारक है क्योंकि पानीपुरी के इन आर्टिफिशिल रंगों में मौजूद केमिकल हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSA) के एक सर्वे में चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें इकट्ठे किए गए पानी पूरी के लगभग 22% नमूनों में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल मिले हैं। FSSAI ने सड़क किनारे दुकान लगाने वालों से लेकर अच्छे होटलों से लगभग 250 गोपगप्पों के नमूनों को इकट्ठा किया, जिसमें से 41 नमूनों में हानिकारक आर्टिफिशियल रंग और ब्रिलियंट ब्लू FCF, सनसेट येलो और टार्ट्राजिन जैसे केमिकल पाए गए हैं।
ये केमिकल न सिर्फ पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, बल्कि कैंसर, दिल से जुड़ी बीमारी, स्किन एलर्जी और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
FSSAI द्वारा गोलगप्पों के सैंपल की रिपोर्ट के सामने आने के बाद पानी पूरी की घटना पर भी कार्रवाई करने की बात कही है। देश में बेची जा रही पानीपुरी के नमूने इकट्ठा कर जांच के लिए भेज दिए गए हैं क्योंकि कॉटन कैंडी, गोभी और कबाब को बनाने के लिए आर्टिफिशिल रंगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पानीपुरी के कई नमूने भी खाद्य सुरक्षा परीक्षण में विफल रहे हैं और उनमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए गए हैं। इस पर और विश्लेषण किया जा रहा है और जांच रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग उचित कार्रवाई करेंगे। साथ ही आम जनता को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए और ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं।” पानी पूरी को आप जितना कम खाएंगे उतना आपकी सेहत के लिए सही होगा