PM AWAS: शहर में रहने वाले गरीबों को भी मिलेगा पक्का घर,(PMAY) को 4148 करोड़ रुपये की मिली मंजूरी

PM AWAS: देश की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) अब और अधिक विस्तार पाने जा रही है, और इस बार केंद्र सरकार ने विशेष ध्यान शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तबकों पर केंद्रित किया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने PMAY (Urban) के लिए 4148 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि को मंजूरी दी है, जिससे लाखों शहरी गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा।

अबतक जहाँ यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सक्रिय रही थी, वहीं अब सरकार का फोकस है कि शहरों में रहने वाले बेघर, झुग्गी-झोपड़ियों में जीवन बिताने वाले, किराये पर रहने वाले या कच्चे मकानों में रहने वाले गरीब परिवारों को भी स्थायी, सुरक्षित और सम्मानजनक आवास दिया जाए।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि PMAY-Urban स्कीम के अंतर्गत क्या बदलाव हुए हैं, किन लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, क्या पात्रता होगी, और 4148 करोड़ की यह राशि कहां और कैसे खर्च की जाएगी। यदि आप किसी शहर में रहते हैं और घर का सपना संजोए बैठे हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है।

PM AWAS: अब शहर में रहने वाले गरीबों को भी मिलेगा पक्का घर, पीएम आवास योजना (PMAY) को 4148 करोड़ रुपये की मिली मंजूरी

PM Awas Yojana 2025: शहर में गरीबों को मिलेगा पक्का मकान, 4148 करोड़ की मंजूरी

पीएम आवास योजना (शहरी) क्या है

PMAY (Urban) की शुरुआत वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में की गई थी, जिसका उद्देश्य था – “सबके लिए आवास” यानी 2025 तक हर व्यक्ति के पास एक पक्का घर हो। इस योजना का विशेष फोकस शहरी गरीबों पर है – जैसे दिहाड़ी मजदूर, घरेलू सहायिका, ड्राइवर, रिक्शा चालक, और ऐसे परिवार जिनकी आय बेहद सीमित है और जो खुद का घर नहीं बना पा रहे।

अब 2025 के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, सरकार ने योजना को और सशक्त किया है और इसके अंतर्गत शहरी इलाकों में नए आवासीय प्रोजेक्ट्स, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS), और स्लम री-डेवलपमेंट जैसी पहलें शामिल की गई हैं।


4148 करोड़ रुपये की मंजूरी – इसका मतलब क्या है

हाल ही में केंद्र सरकार ने घोषणा की कि PMAY-Urban योजना के लिए 4148 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है। यह बजट विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा:

  • नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण: जिनमें झुग्गी क्षेत्रों के पुनर्विकास और कम आय वर्ग के लिए बहु-मंजिला अपार्टमेंट्स बनाए जाएंगे।
  • क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के लिए: ताकि मध्यम वर्गीय गरीब परिवार भी बैंक लोन पर ब्याज सब्सिडी पाकर घर खरीद सकें।
  • बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे – पानी, बिजली, शौचालय, सीवरेज व्यवस्था आदि।
  • शहरी निकायों को सपोर्ट ताकि वे योजना को ज़मीन पर प्रभावी तरीके से लागू कर सकें।

किसे मिलेगा लाभ? पात्रता क्या है

PMAY-Urban के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए सरकार ने कुछ पात्रता मापदंड निर्धारित किए हैं, जैसे:

  1. परिवार में कोई भी सदस्य पहले से पक्के मकान का मालिक न हो।
  2. परिवार की कुल मासिक आय चार श्रेणियों में आती हो –
    • EWS (अत्यंत गरीब): ₹3 लाख तक
    • LIG (निम्न आय): ₹3–6 लाख
    • MIG-1 (मध्यम आय वर्ग 1): ₹6–12 लाख
    • MIG-2 (मध्यम आय वर्ग 2): ₹12–18 लाख
  3. आवेदनकर्ता के पास वैध आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र हो।
  4. केवल भारतीय नागरिकों को ही पात्र माना जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया – कैसे करें आवेदन

सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को बहुत सरल और डिजिटल बनाया है:

  • ऑनलाइन आवेदन करें https://pmaymis.gov.in पर जाकर।
  • फॉर्म भरते समय आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, आय, परिवार के सदस्यों की डिटेल, आधार नंबर आदि भरने होंगे।
  • डॉक्युमेंट्स अपलोड करें – जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो आदि।
  • सबमिट के बाद ट्रैकिंग नंबर मिलेगा, जिससे आप स्टेटस देख सकते हैं।

शहर में किराए का बोझ होगा कम

PMAY के अंतर्गत जो सबसे बड़ा फायदा है, वह यह कि शहरी गरीब अब किराये के मकान में रहने को मजबूर नहीं होंगे। एक बार घर मिल जाने के बाद उनका मासिक खर्च कम होगा, और वे बाकी जरूरी चीजों जैसे बच्चों की पढ़ाई, इलाज आदि में पैसा निवेश कर पाएंगे।

इसका प्रभाव केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी होगा, क्योंकि घर एक व्यक्ति के आत्मसम्मान से जुड़ा होता है।


योजना का विशेष फोकस – महिलाओं को संपत्ति का मालिक बनाना

PMAY के तहत एक अनोखा और सराहनीय कदम यह है कि घर का मालिकाना हक महिला सदस्य के नाम पर ही दिया जाता है (या संयुक्त रूप से महिला और पुरुष के नाम)। इसका उद्देश्य है महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और सामाजिक समानता की दिशा में एक ठोस कदम उठाना।


डिजिटल ट्रांसपेरेंसी – घर आवंटन में पारदर्शिता

इस योजना की सबसे बड़ी बात है इसकी डिजिटल पारदर्शिता। सभी आवेदन, मंजूरी, निर्माण की स्थिति, और फंड रिलीज की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होती है। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है और जरूरतमंदों को समय पर घर मिल जाता है।


योजना की दिशा और आगे की रणनीति

सरकार का अगला लक्ष्य है कि 2025 तक PMAY (Urban) के अंतर्गत सभी पात्र परिवारों को घर उपलब्ध करा दिया जाए। 4148 करोड़ रुपये की मंजूरी एक बड़ा कदम है, लेकिन इसके बाद भी चरणबद्ध रूप से और भी बजट आ सकता है।

Smart Cities Mission और AMRUT जैसी योजनाएं भी PMAY के साथ समन्वय बनाकर काम कर रही हैं, ताकि शहरी जीवन को बेहतर बनाया जा सके।