गुजरात टाइटंस के खिलाफ रविवार को जो मैच खेला गया उसमें लगातार 5 छक्के लगाकर रिंकू सिंह ने केकेआर को जीत दिलाई और अचानक सेवा हीरो बन गए. आपको बता दें कि रिंकू सिंह बेहद साधारण परिवार से आते हैं और इनकी कहानी बहुत भाऊक करने वाली है.
रिंकू सिंह के लिए क्रिकेटर बनना बहुत ही मुश्किल था क्योंकि उन्हें पेट पालने के लिए भी बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता था और पेट पालने के लिए उनके पिता घर-घर सिलेंडर को डिलीवर किया करते थे. परिवार को कर्ज के बोझ से बाहर निकालने के लिए रिंकू सिंह नौकर का काम तक किए हैं उन्होंने दूसरों के घरों में पोछा लगाया है.
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रिंकू सिंह के पिता खान चंद्र सिंह एक एलपीजी गैस सिलेंडर वितरण कंपनी में काम करते थे और रिंकू सिंह ने अपने शुरुआती साल में अपने माता पिता और 4 भाई बहनों के साथ अलीगढ़ स्टेडियम के पास दो कमरों के क्वार्टर में रहते थे.
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आपको बता दें कि रिंकू सिंह ने केकेआर के लिए रविवार को जो मैच खेला उसमें उन्होंने लगातार 5 छक्के लगाए और ऐसा करने से वाह टीम के बहुत बड़े हीरो बन गए.

रिंकू सिंह ने हाल ही में केस स्टेटमेंट दिया है कि उनके पिता बहुत ही संघर्ष का सामना किया है और वह अपने पिता को बहुत सारी खुशियां देना चाहते हैं. रिंकू सिंह आज भारत में हीरो बन गए हैं.