SAFFRON FARMING 2024 : केसर की खेती किसानो को बना देगी करोड़पति, जानें कैसे करें !
SAFFRON FARMING 2024 : केसर की खेती किसानो को बना देगी करोड़पति, जानें कैसे करें ! केसर की खेती (Saffron Farming) का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे जहन में जम्मू-कश्मीर का नाम आने लगता है। क्योंकि जम्मू-कश्मीर में ही इसका उत्पादन किया जाता है। लेकिन अब उत्तरप्रदेश के बुंदलेखंड में भी अब इसकी खेती होने लगी है। यहां के किसानों के प्रयासों से यह सब संभव हो पाया है।
SAFFRON FARMING 2024 : केसर की खेती किसानो को बना देगी करोड़पति, जानें कैसे करें !
SAFFRON FARMING 2024 इसमें खास बात ये हैं कि यहां के किसानों ने बंजर जमीन पर केसर की खेती करके दिखा दिया है जिसे कर पाना बहुत कठिन है। यह सब कुछ यहां के किसानों की कुछ हटकर नया करने की जिद और कड़ी मेहनत के बल पर संभव हो पाया है।
जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड के हमीरपुर के निवादा गांव के केसर की खेती कर रहे हैं। वो भी बंजर जमीन पर। इस बारे में यहां के किसानों का यह कहना था हमें उम्मीद नहीं थी कि ऐसी जमीन पर केसर उगा सकते हैं, लेकिन फिर भी हमने हार नहीं मानी और उसका नतीजा यह हुआ की यहां भी केसर लहलहाने लगी।
SAFFRON FARMING 2024 बुंदेलखंड में भी की जा रही केसर की खेती
SAFFRON FARMING 2024 केसर ठंडी जलवायु में उगने वाली फसल है। इसीलिए जम्मू-कश्मीर में इसकी खेती बहुत अधिक होती है। लेकिन बुंदेलखंड की जलवायु जम्मू-कश्मीर के मुकाबले गर्म है। इस लिहाज से देखा जाए तो बुंदेलखंड में इसकी खेती को कर पाना अपने आप में चौंकाने वाली खबर है।
लेकिन यहां के किसानों ने इसे उगाकर ही दम लिया। इस संबंध में बुंदेलखंड के एक किसान बताते हैं कि केसर सिर्फ वादियों में ही नहीं उग सकता बल्कि इसको ठंडे इलाके की बजाय थोड़े गर्म इलाके में भी उगाया जा सकता है लेकिन बस शर्त यह है की एक दिन में आपको इसकी फसल में 4 से 5 बार पानी डालना होगा।
SAFFRON FARMING 2024 किसानों की आय में हुई वृद्धि
SAFFRON FARMING 2024 बुंदेलखंड जिले में केसर की खेती कर रहे किसानों के लिए केसर की खेती आय का एक नया स्त्रोत होगी। इसकी खेती करके किसान अधिक मुनाफा कमा पाएंगे। स्ट्रावेरी की खेती के बाद यहां के किसानों ने केसर की खेती में भी सफलता हासिल कर ली है। बता दें कि कश्मीरी केसर की खेती से पैदा केसर की कीमत भारतीय बाजार से लेकर अंतराष्ट्रीय बाजारों में 2 से 3 लाख रुपये प्रति किलो है। तो ऐसे में अगर इसकी गुणवत्ता अच्छी हो तो किसानों को बेहतर मुनाफा हो सकता है।
SAFFRON FARMING 2024 केसर की किस्में
SAFFRON FARMING 2024 केसर का पौधा सुगंध देनेवाला बहुवर्षीय होता है और क्षुप 15 से 25 सेमी (आधा गज) ऊंचा, परंतु कांडहीन होता है। इसमें घास की तरह लंबे, पतले व नोकदार पत्ते निकलते हैं। जो संकरी, लंबी और नालीदार होती हैं। इनके बीच से पुष्पदंड निकलता है, जिस पर नीललोहित वर्ण के एकांकी अथवा एकाधिक पुष्प होते हैं। अप्रजायी होने की वजह से इसमें बीज नहीं पाए जाते हैं।
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SAFFRON FARMING 2024 इसके पुष्प की शुष्क कुक्षियों को केसर, कुंकुम, जाफरान अथवा सैफ्रन कहते हैं। इसमें अकेले या 2 से 3 की संख्या में फूल निकलते हैं। इसके फूलों का रंग बैंगनी, नीला एवं सफेद होता है। ये फूल कीपनुमा आकार के होते हैं। इनके भीतर लाल या नारंगी रंग के तीन मादा भाग पाए जाते हैं। इस मादा भाग को वर्तिका (तन्तु) एवं वर्तिकाग्र कहते हैं। यही केसर कहलाता है।
SAFFRON FARMING 2024 केसर का उपयोग और लाभ
SAFFRON FARMING 2024 केसर का उपयोग खीर, गुलाब जामुन, दूध के साथ किया जाता है। इसके अलावा कई मिठाइयों में रंग और खुशबू के लिए इसका उपयोग करते हैं। औषधीय दवाइयों में भी इसका उपयोग किया जाता है। पेट संबंधित बीमारियों के इलाज में केसर बहुत फायदेमंद है।
बदहजमी, पेट-दर्द व पेट में मरोड़ आदि हाजमे से संबंधित शिकायतों में केसर का सेवन करने से फायदा होता है। सिर दर्द को दूर करने के लिए केसर का उपयोग किया जा सकता है। सिर दर्द होने पर चंदन और केसर को मिलाकर सिर पर इसका लेप लगाने से सिर दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा महिलाओं की कई बीमारियों में इसका उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है।
SAFFRON FARMING 2024 केसर की खेती कैसे होती है
SAFFRON FARMING 2024 केसर को उगाने के लिए समुद्रतल से लगभग 2000 मीटर ऊंचा पहाड़ी क्षेत्र एवं शीतोष्ण सूखी जलवायु की आवश्यकता होती है। पौधे के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है। यह पौधा कली निकलने से पहले बारिश एवं हिमपात दोनों बर्दाश्त कर लेता है, लेकिन कलियों के निकलने के बाद ऐसा होने पर पूरी फसल चौपट हो जाती है। मध्य एवं पश्चिमी एशिया के स्थानीय पौधे केसर को कंद (बल्ब) द्वारा उगाया जाता है।
SAFFRON FARMING 2024 ड्रिप मेथॅड से की जाती है खेती
SAFFRON FARMING 2024 धार के किसान बाबूलाल के अनुसार अन्य फसलों की तुलना में केसर की खेती करना आसान और सरल है। इसमें ड्रिप पद्धति से फसल को लिया जा सकता है। पौधों मे किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं लगती। जैविक फसल का पौधा 4 से 5 फीट लंबाई वाला होता है, जिस पर दो सौ से ढाई सौ तक फूल लगते हैं। इस फूल में ही केसर लगती है। आज से सात साल पहले किसान बाबूलाल ने अपने खेत में अमेरिकन केसर उगाई थी।
SAFFRON FARMING 2024 केसर की खेती के लिए जलवायु व मिट्टी
SAFFRON FARMING 2024 केसर की खेती समुंद्र तल से 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर होती है। लेकिन कुछ गर्म इलाकों में भी इसकी खेती की जा सकती है। जैसा कि बुंदेलखंड के किसानों ने इसे कर दिखाया। अब बात करें इसके लिए कौनसी मिट्टी उपयुक्त रहती है तो केसर की खेती के लिए रेतीली, चिकनी, बलुई या फिर दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है। इसके अलावा अन्य प्रकार की मिट्टी में भी इसे उगाया जा सकता है। पर ध्यान रहे जहां इसे उगाया जाए वहां उचित जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि जल जमाव के कारण इसके क्रोम्स खराब हो जाते हैं।
SAFFRON FARMING 2024 कैसे करें जुताई
SAFFRON FARMING 2024 केसर का बीज बोने या लगाने से पहले खेत कि अच्छी तरह से जुताई की जाती है। इसके अलावा मिट्टी को भुरभुरा बनाकर आखिरी जुताई से पहले 20 टन गोबर का खाद और साथ में 90 किलोग्राम नाइट्रोजन 60 किलोग्राम फास्फोरस और पोटास प्रति हेक्टेयर के दर से अपने खेत में डाला जाता है। इससे भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी जिससे केसर की खेती में अच्छी होगी।
SAFFRON FARMING 2024 केसर की खेती के लिए उचित समय
SAFFRON FARMING 2024 ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में केसरी की खेती जुलाई से अगस्त माह तक की जाती है लेकिन मध्य जुलाई का समय इसकी खेती के लिए अधिक उचित रहता है। जबकि मैदानी इलाकों में इसकी खेती का उचित समय फरवरी से मार्च का माना जाता है। केसर के क्रोम्स लगाते के लिए सबसे पहले 6-7 सेमी का गड्ढा करें और दो क्रोम्स के बीच की दूरी लगभग 10 सेमी रखें। ऐसा करने से कोम्स अच्छे से फैलती है और पराग भी अच्छे मात्रा में निकलते हैं।
SAFFRON FARMING 2024 अन्य जानकारी
SAFFRON FARMING 2024 एक बार केसर के पैदावार के बाद इसे अच्छे तरह से पैक करके किसी भी नजदीकी मंडी में अच्छे दामों में बेच सकते है। असली केसर की डिमांड सभी जगह पर रहती है। आप अपने खेत से केसर पैदा कर (Saffron Production) अच्छी कीमतों पर बेच सकते हैं।
इसके अलावा आप इसे ऑनलाइन भी बेच कर सकते हैं। भारत में केसर का भाव इस समय ढाई लाख से तीन लाख रुपए प्रति किलो तक है। वहीं इसके 10 वॉल्व बीज की कीमत करीब 550 रुपए है। यदि आप साल में एक किलो केसर का उत्पादन भी करते हैं तो आपको कम से कम सालाना दो लाख रुपए की कमाई हो सकती है।
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SAFFRON FARMING 2024 आजकल केसर का बीज अमेजन जैसी ऑनलाइन साइटों पर भी विक्रय किए जाते हैं। इसके अलावा आप पालमपुर में स्थित सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान से भी इसका बीज प्राप्त कर सकते हैं। केसर की खेती के लिए जिन संस्थानों से आप प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं उनमें प्रमुख संस्थानों के नाम हम नीचे दे रहे हैं। यहां से आप बीज और केसर के उगाने के संबंध में जानकारी व प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
गुजरात के गांधी नगर स्थित महात्मा गांधी संस्थान
पालमपुर में स्थित सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान