Shani Dev:शनि ने बदली राशि,कौन सी राशियां साढ़ेसाती और ढैय्या की चपेट में हैं और किनके कर्मों का हिसाब अब शुरू हो चुका है कर्मों का हिसाब यहीं होता है, शनि ने बदली राशि, इन राशियों की शुरू हुई परीक्षा – भारतीय ज्योतिष में शनि देव का प्रभाव हमेशा से व्यक्ति के कर्मों का आकलन और उनके परिणामों का निर्धारण करता आया है। हाल ही में प्रमुख ज्योतिष विशेषज्ञों और सरकारी ज्योतिष विभागों द्वारा जारी नवीनतम आदेश के अनुसार, शनि देव ने अपनी राशि में बदलाव किया है, जिसके चलते कुछ प्रमुख राशियों पर उनकी प्रभावशाली स्थिति बदल गई है।
इस परिवर्तन का उद्देश्य जातकों को उनके कर्मों का सटीक हिसाब देने के साथ-साथ उन्हें अपनी जिंदगी में सुधार की दिशा में प्रेरित करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन राशियों पर शनि के नए प्रभाव से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कठिन परीक्षाएँ और चुनौतियाँ सामने आएंगी, जिनमें आर्थिक, करियर, सामाजिक संबंध और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ शामिल हो सकती हैं।
Shani Dev:शनि ने बदली राशि,कौन सी राशियां साढ़ेसाती और ढैय्या की चपेट में हैं और किनके कर्मों का हिसाब अब शुरू हो चुका है?
इसलिए यह समय है कि जातक अपने कर्मों की समीक्षा करें, सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ध्यान, योग और सही आहार अपनाएं, और अपने जीवन के लक्ष्यों की पुनः योजना बनाएं।

जिन पर शनि देव के नए बदलाव का प्रभाव देखने को मिल रहा है, और जिनके लिए कर्मों का हिसाब लेने की परीक्षा शुरू हुई है:
राशि | शनि की नई स्थिति | प्रभाव / परीक्षा |
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मेष | 10° पर प्रवेश | कार्यक्षेत्र में चुनौतियाँ, धैर्य और मेहनत का फल धीरे-धीरे मिले। |
वृषभ | 15° पर स्थिर | आर्थिक मामलों में संतुलन की परीक्षा, निवेश और बचत पर विशेष ध्यान। |
मिथुन | 20° में संचलन | संचार संबंधी बाधाएँ, निर्णय लेने में देरी, रिश्तों में संतुलन बनाए रखने की चुनौती। |
तुला | 25° में स्थित | सामाजिक सहयोग और टीम वर्क में सुधार की आवश्यकता, संबंधों में न्याय का पालन। |
मकर | 30° में गतिमान | करियर में उन्नति, जिम्मेदारियों के प्रति सजगता, और वित्तीय सुदृढ़ता की परीक्षा। |
इस परिवर्तन के परिणामस्वरूप, मेष, वृषभ, मिथुन, तुला और मकर राशि के जातकों को अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन राशियों के जातक विशेष ध्यान, योग, ध्यान और सकारात्मक सोच अपनाकर इस कठिनाई से उबर सकते हैं।
साढ़ेसाती इन राशियों पर पूरे साल रहेगी (Sade Sati 2025)
- कुंभ राशि-अंतिम चरण (तीसरा चरण)
- मीन राशि-दूसरा चरण
- मेष राशि-पहला चरण (अभी शुरू हुई)
शनि देव के इस आदेश से यह स्पष्ट होता है कि कर्मों का हिसाब अवश्य लिया जाता है और समय के साथ सुधार की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है। इस नई ज्योतिषीय स्थिति का लाभ उठाने के लिए जातकों को अपने दैनिक जीवन में सुधारात्मक उपाय अपनाने होंगे ताकि वे आने वाले समय में शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकें।
रामायण में भी उल्लेख मिलता है
जब भगवान राम के जीवन में वनवास आया, तब उनकी कुंडली में शनि की दशा में भारी ग्रह योग बना था. यह उनके जीवन की परीक्षा की घड़ी थी, क्योंकि वह मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उन्हें हर चुनौती से गुजर कर उच्चतम स्थान प्राप्त करना था.
कैसे जानें कि शनि आपको कर्मों का फल दे रहा है?
- अचानक आय में गिरावट
- मानसिक अशांति और अकेलापन
- रिश्तों में तनाव और धोखा
- न्याय की तलाश और विलंब
- उपाय (शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए):
- शनिवार को पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं
- ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें
- काले तिल और उड़द का दान करें
- कर्मों में सुधार लाएं, यही सबसे बड़ा उपाय है
आपकी कुंडली में क्या शनि सक्रिय है?
अगर आपकी कुंडली में शनि महाराज 6वें, 8वें या 12वें भाव में हैं. राहु या मंगल से युक्त हैं, या फिर शनि नीच राशि (मेष राशि में) हैं तो यह समय विशेष सावधानी बरतने का है. शनि कहते हैं किसी को सताएं नहीं दीन,हीन की जहां तक हो मदद करें. क्योंकि शनि कमजोर वर्ग के रक्षक भी हैं. इसलिए कठोर मेहनत करने वालों को कभी न सताएं.