Beetroot Farming 2024 : चुकंदर की खेती का कमाल, होंगे अब आप मालामाल ! चुकंदर औषधीय गुणों से परिपूर्ण है. इसलिए इसका उपयोग कई तरह के रोगों के इलाज में भी किया जाता है. साथ ही इससे कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां भी बनाई जाती हैं.चुकंदर खाना हर किसी को पसंद है. सलाद के रूप में सबसे ज्यादा लोग चुकंदर का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, कई लोग इसका जूस पीना भी पसंद करते हैं.
Beetroot Farming 2024 : चुकंदर की खेती का कमाल, होंगे अब आप मालामाल !

ऐसे चुकंदर में मैंगनीज, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी, फोलेट और विटामिन बी9 प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. इसका सेवन करने से शरीर में ब्लड की कमी नहीं होती है. यही वजह है कि इसका मार्केट में हमेशा डिमांड रहती है. ऐसे में किसान भाई अगर चुकंदर की खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं.
खास बात यह है कि चुकंदर औषधीय गुणों से परिपूर्ण है. इसलिए इसका उपयोग कई तरह के रोगों के इलाज में भी किया जाता है. साथ ही इससे कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां भी बनाई जाती हैं. मार्केट में इसका रेटा हेमशा 30 से 40 रुपये किलो रहता है. ऐसे में अगर किसान भाई चुकंदर की खेती करने का प्लान बना रहे हैं, तो उनके लिए यह अच्छी खबर है. अगर वैज्ञानिक विधि से चुकंदर की खेती की जाए, तो बंपर पैदावार मिलेगी.
Beetroot Farming 2024 कौन सी किस्म का चुनाव करें
Beetroot Farming 2024 बलुई दोमट मिट्टी में चुकंदर की खेती करने पर अच्छी पैदावार मिलती है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच अच्छा माना गया है. वहीं गर्मी, बारिश और सर्दी किसी भी मौसम में इसकी खेती की जा सकती है.
Also Read ALOEVERA FARMING 2024 : कम जगह में भी एलोवेरा की खेती से होगा लाखो का मुनाफा!
अगर किसान भाई गर्मी के मौसम में चुकंदर की खेती करने का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले बेहतर किस्मों का चुनाव करें. अर्ली वंडर, मिस्त्र की क्रॉस्बी, डेट्रॉइट डार्क रेड, क्रिमसन ग्लोब, रूबी रानी, रोमनस्काया और एमएसएच 102 चुकंदर की सबसे लोकप्रिय किस्में है. इन किस्मों की खेती करने पर बंपर पैदावार मिलेगी.
Beetroot Farming 2024 कैसे करें खेती
Beetroot Farming 2024 चुकंदर की बुवाई करने से पहले खेत की कई बार जुताई की जाती है. फिर 4 टन प्रति एकड़ की दर से खेत में गोबर की खाद डालें और पाटा लगाकर जमीन को समतल कर दें. इसके बाद क्यारी बनाकर चुकंदर की बुवाई करें. खास बात यह है कि छिटकवां और मेड़ विधि से चकुंदर की बुवाई की जाती है.
Also Read BOLLYWOOD DHAMAKA DHOOM 4 : सिनेमा जगत में धूम 4 फिल्म का धमाका ,दर्शकों में है उत्साह !
अगर आप छिटकवां विधि से बुवाई कर रहे हैं, तो एक एकड़ में 4 किलो बीज की जरूरत पड़ेगी. वहीं, मेड़ विधि से बुवाई करने से कम बीज की जरूरत पड़ती है. मेड़ विधि में पहले 10 इंच ऊंची मेड़ बनाई जाती है. फिर, मेड़ पर 3-3 इंच की दूर पर बीजों को बोया जाता है.
Beetroot Farming 2024 कब होगी फसल तैयार
Beetroot Farming 2024 चुकंदर एक कंदवर्गीय फसल है. इसलिए समय- समय पर इसकी निराई- गुड़ाई की जाती है. साथ ही जरूरत के हिसाब से सिंचाई भी करनी पड़ती है. बुवाई करने के 120 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है. यदि आपने एक हेक्टेयर में खेती कर रखी है तो, 300 क्विंटल तक पैदावार मिलेगी. अगर 30 रुपये किलो के हिसाब से चुकंदर बेचते हैं, तो इससे लाखों रुपये की कमाई होगी.