Hartalika Festival news : महिलाओं के विशेष त्यौहार हरतालिका तीज पर शिवजी और माता गौरा का किया जायेगा पूजन !

Hartalika Festival news : महिलाओं के विशेष त्यौहार हरतालिका तीज पर शिवजी और माता गौरा का किया जायेगा पूजन ! हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरतालिका तीज मनाई जाती है। यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना की जाती है।

Hartalika Festival news : महिलाओं के विशेष त्यौहार हरतालिका तीज पर शिवजी और माता गौरा का किया जायेगा पूजन !

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महादेव ने इसी दिन माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। ऐसे में यदि महिलाएं इस दिन हरतालिका तीज का व्रत करती हैं, तो वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। पति की लंबी उम्र, तरक्की और स्वास्थ्य के लिए सुहागिनें इन दिन निर्जला उपवास रखती हैं।

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हरतालिका तीज का पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। इस व्रत का फल पाने के लिए जरूरी है कि पूजा पाठ के साथ-साथ सामग्री का भी खास ध्यान रखा जाए। ऐसे में आइए हरतालिका तीज पूजा के लिए संपूर्ण सामग्री के बारे में जान लेते हैं।

हरतालिका तीज : पूजा सामग्री

भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति
अगरबत्ती, धूपबत्ती, घी और दीपक
पान, बाती, व कपूर
सुपारी, साबुत नारियल और चंदन
फल में केले
आम के पत्ते, केले के पत्ते, धतूरा, बेल के पत्ते, शमी के पत्ते और फूल,
कलश, चौकी,
16 श्रृंगार की वस्तुएं (काजल, कुमकुम, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर और लाल चुनरी आदि)

हरतालिका तीज : शुभ मुहूर्त

भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर, 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो रही है। तिथि का समापन 6 सितंबर, 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, शुक्रवार 6 सितंबर के दिन हरतालिका तीज का व्रत किया जाएगा। इस दौरान पूजा का मुहूर्त प्रातःकाल 6 बजकर 2 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।

हरतालिका तीज : पूजा विधि

सबसे पहले हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और निर्जला व्रत का संकल्प लें। इस दिन महिलाओं को हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां धारण करनी चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई कर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। इस चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें।

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इसके बाद सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और उन्हें तिलक लगाएं, फिर भगवान शिव को बेलपत्र और देवी पार्वती को श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। आखिर में में शिव और पार्वती की आरती कर सभी को प्रसाद बांट दें।

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