Lauki ki kheti:किसानों को मालामाल कर देंगी लौकी की खेती होंगी बंपर कमाई,जानें पुरी जानकारी
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Lauki ki kheti:किसानों को मालामाल कर देंगी लौकी की खेती होंगी बंपर कमाई,
Lauki ki kheti: किसानों को मालामाल कर देंगी लौकी की खेती होंगी बंपर कमाई,जानें पुरी जानकारी लौकी की खेती से होगा छप्पर फाड़ मुनाफा, बस रखें इन बातों का ध्यान। गर्मी की बुवाई वाली लौकी की खेती करने की तैयारी अब शुरू हो चुकी है। इस दौरान कई सवाल किसानों के मन में आते हैं। उन्हीं सवालों का जवाब आज हम इस लेख के माध्यम से दे रहे हैं।
Lauki ki kheti: किसानों को मालामाल कर देंगी लौकी की खेती होंगी बंपर कमाई,जानें पुरी जानकारी
![खास विधि से लौकी की खेती करने पर बदली किसानों की किस्मत, अब पैदावार बेच कर हो रहे मालामाल | uttar pradesh farmers using machan vidhi for lauki ki kheti and getting](https://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2022/07/Lauki-Ki-Kheti.jpg)
बुवाई का समय
गर्मियों की फसलों की बुवाई फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत में की जाती है। गर्मियों के मौसम में जल्दी फसल लेने के लिए किसान पॉली हाउस से इसके पौधे खरीदकर अपने खेत में सीधे लगा सकते हैं। इसके लिए 3:1:1 के अनुपात में कोकोपीट, पेर्लाइट, वर्मीक्यूलेट को प्लास्टिक बैग या प्लग ट्रे में डालकर इसकी बुवाई कर सकते हैं।
इसी तरह दिसंबर महीने में इसकी बुवाई करके फरवरी महीने में इसकी रोपाई भी की जा सकती है। बरसात की सीजन में बुवाई जून के अंत से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह तक की जाती है।
अच्छी पैदावार के लिए रखें इन बातों का ध्यान
लौकी की खेती में अच्छी पैदावार लेने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किस्मों पूसा नवीन, पूसा संतोषी, पूसा संदेश आदि को लगाया जा सकता है। इस फसल की बुवाई या रोपाई नालियों बनाकर की जाती है।कोशिश करें कि नालियों की दिशा उत्तर से दक्षिण की ओर हो और पौधों एवं बीजों को नाली के पूर्व दिशा में लगाएं।
लौकी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
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लौकी की खेती के लिए गर्म और आद्र्र जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है।लौकी के पौधे अत्यधिक ठंड को सहन नहीं कर पाते हैं। इसीलिए इनकी खेती मुख्य रूप से मध्य भारत और उसके आसपास के क्षेत्रों में की जाती है। 32 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा होता है।इसका मतलब है कि गर्मी वाले राज्यों में इसकी अच्छी खेती होती है।
इसके अलावा खेती के लिए सही भूमि चयन, बुवाई का समय, बीज उपचार, उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, कीट प्रबंधन जैसी बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है। अगर किसान इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए खेती करते हैं तो उत्पादन अच्छा होगा और मुनाफा भी दोगुना होगा।