सिर्फ 25 रुपये में गाभिन होगी बकरी! जानिए लैप्रोस्कोपिक AI तकनीक

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सिर्फ 25 रुपये में गाभिन होगी बकरी! जानिए लैप्रोस्कोपिक AI तकनीक

सिर्फ 25 रुपये में गाभिन होगी बकरी! जानिए लैप्रोस्कोपिक AI तकनीक

सिर्फ 25 रुपये में गाभिन होगी बकरी! जानिए लैप्रोस्कोपिक AI तकनीक नई दिल्ली, 17 अप्रैल 2024: केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा ने बकरी पालन में क्रांति लाने वाली एक नई तकनीक विकसित की है। इस तकनीक का इस्तेमाल करके सिर्फ 25 रुपये में बकरी को गाभिन कराया जा सकता है।इस तकनीक को “लैप्रोस्कोपिक आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन” (LAP-AI) कहा जाता है। इस तकनीक में, वैज्ञानिक एक छोटे से छेद के माध्यम से बकरी के गर्भाशय में सीमेन डालते हैं।

सिर्फ 25 रुपये में गाभिन होगी बकरी! जानिए लैप्रोस्कोपिक AI तकनीक

आर्टिफिशल इंसेमीनेशन (एआई) तकनीक की मदद से बकरी पालने वाले किसानों को उनकी पसंद और जरूरत के हिसाब से बकरी के बच्चे मिल रहे हैं. अगर किसान को ज्यादा दूध देने वाली बकरी चाहिए तो वो बकरी से उसी तरह के बच्चे पैदा करवा रहे हैं. अगर कोई किसान चाहता है कि उसका बकरा ज्यादा वजन का और हेल्दी हो तो उसे वैसा ही बच्चा मिल रहा है. 

इस तकनीक के कई फायदे हैं:

यह कम खर्चीली है: पारंपरिक कृत्रिम गर्भाधान (AI) की तुलना में यह बहुत सस्ती है।
यह अधिक सफल है: LAP-AI में सफलता की दर 70-80% है, जो पारंपरिक AI की तुलना में अधिक है।
यह कम समय लेने वाली है: LAP-AI प्रक्रिया में केवल 10-15 मिनट लगते हैं, जबकि पारंपरिक AI में 30-45 मिनट लग सकते हैं।
यह कम संक्रमण का खतरा पैदा करती है: LAP-AI में संक्रमण का खतरा कम होता है क्योंकि इसमें योनि मार्ग का उपयोग नहीं किया जाता है।

सीमेन देने वाले बकरे:

LAP-AI तकनीक के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सीमेन की आवश्यकता होती है।CIRG ने उच्च गुणवत्ता वाले सीमेन देने वाले बकरों की एक नस्ल भी विकसित की है। इन बकरों को “सुपर बकरा” कहा जाता है।सुपर बकरों का सीमेन एक बार में 100 से अधिक बकरियों को गाभिन कराने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस तकनीक का प्रभाव:LAP-AI तकनीक से बकरी पालन में क्रांति आने की उम्मीद है।इससे बकरी के दूध और मांस का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।यह तकनीक छोटे किसानों के लिए भी फायदेमंद होगी क्योंकि यह उन्हें कम लागत में अधिक बकरियों को पालने में मदद करेगी।

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